#प्यासा मन ...
लेखक: विनोद कुमार झा सुबह का सूरज खिड़की से झांक रहा था, लेकिन रवि की आँखों में रोशनी कम और धुंध…
लेखक: विनोद कुमार झा सुबह का सूरज खिड़की से झांक रहा था, लेकिन रवि की आँखों में रोशनी कम और धुंध…
लेखक: विनोद कुमार झा शहर की पुरानी गलियों में एक संकरी सी लेन थी, जहां दिन में भी धूप मुश्किल …
विनोद कुमार झा हवा में ताजगी थी, जैसे कोई नई शुरुआत की खुशबू। शहर के एक छोटे से मोहल्ले में चार…
विनोद कुमार झा जीवन एक खुली किताब की तरह होता है, जिसमें हर दिन एक नया पन्ना जुड़ता है। कुछ …
विनोद कुमार झा कभी-कभी एक मुस्कान की झलक, या होंठों पर खामोश लाली, किसी शहर की हर गली को रंगीन ब…
विनोद कुमार झा हर ईंट का इस्तेमाल दीवार बनाने में नहीं होता। कुछ ईंटें मंदिरों की नींव बनती …
विनोद कुमार झा हर किसी के भीतर एक सपना होता है कोई छोटा, कोई बड़ा। कुछ लोग सपनों को देखना छोड़ द…
लेखक : विनोद कुमार झा पुरानी चीज़ें अक्सर इतिहास की धूल में छिप जाती हैं, लेकिन कभी-कभी, वही ची…
(एक सांस्कृतिक, भावनात्मक और सौंदर्यशास्त्र से भरपूर लेख) विनोद कुमार झा भारतीय संस्कृति की पर…
- कभी-कभी प्रेम शब्दों से नहीं, सिर्फ़ निगाहों से बोला जाता है... -प्रेम का सबसे सुंदर रूप वह ह…
विनोद कुमार झा कई बार प्यार किसी दस्तक के साथ नहीं आता वो बस बरसने लगता है। जैसे अनायास आसमान स…
( एक आत्मिक मिलन की रहस्यमयी गाथा) विनोद कुमार झा प्रेम एक शब्द नहीं, एक ब्रह्म है। देह की सीम…
(एक प्रेम कहानी, बादलों की तरह उमड़ती-घुमड़ती, जहाँ बूंदें केवल पानी नहीं होतीं, वो स्पर्श, स्म…
( एक अधूरी लेकिन रोमांचक प्रेम कथा) विनोद कुमार झा प्यार... एक ऐसा एहसास जो शब्दों में नहीं, निग…
विनोद कुमार झा कहते हैं प्यार अंधा होता है, और कभी-कभी इतना अंधा होता है कि वह सामान्य से हटकर ह…
लेखक: विनोद कुमार झा शाम का धुंधलापन धीरे-धीरे पसर रहा था। हल्की ठंडी हवा सरसों के खेतों में ल…
विनोद कुमार झा हर युग में बुज़ुर्गों की नसीहतें जीवन का पथप्रदर्शक रही हैं। कभी दादी-नानी की क…