कहानी

कहानी: उलटे रास्ते...

लेखक: विनोद कुमार झा  गाँव की कच्ची पगडंडियों पर दौड़ते हुए सपनों के कदमों की आवाज़ अलग ही होती …

#साजन बिन आँगन ...

- सच्चा प्रेम कभी #ख़त्म नहीं होता, वह स्मृतियों, #आँगन की दीवारों और हृदय की धड़कनों में हमेशा …

#प्यासा मन ...

लेखक: विनोद कुमार झा सुबह का सूरज खिड़की से झांक रहा था, लेकिन रवि की आँखों में रोशनी कम और धुंध…

#सच का आईना...

लेखक: विनोद कुमार झा शहर की पुरानी गलियों में एक संकरी सी लेन थी, जहां दिन में भी धूप मुश्किल …

#तकरार नहीं, प्यार...

विनोद कुमार झा हर ईंट का इस्तेमाल दीवार बनाने में नहीं होता। कुछ ईंटें मंदिरों की नींव बनती …

#सच होते सपने

विनोद कुमार झा हर किसी के भीतर एक सपना होता है कोई छोटा, कोई बड़ा। कुछ लोग सपनों को देखना छोड़ द…

बिंदिया की लाली...

(एक सांस्कृतिक, भावनात्मक और सौंदर्यशास्त्र से भरपूर लेख) विनोद कुमार झा भारतीय संस्कृति की पर…

#आंखों में काजल...

- कभी-कभी प्रेम शब्दों से नहीं, सिर्फ़ निगाहों से बोला जाता है... -प्रेम का सबसे सुंदर रूप वह ह…

#प्यार की बारिश ...

विनोद कुमार झा कई बार प्यार किसी दस्तक के साथ नहीं आता  वो बस बरसने लगता है। जैसे अनायास आसमान स…

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