बिहार चुनाव आयोग ने अभिनेत्री नीतू चंद्रा को 'आइकॉन फेस' नियुक्त किया

  •  नीतू चंद्रा सिर्फ़ बिहार का चेहरा ही नहीं, बल्कि बिहार का गौरव हैं। 
  • पटना में एक साधारण शुरुआत से लेकर हॉलीवुड के चमकदार रेड कार्पेट तक उनका सफ़र असाधारण से कम नहीं है। 
  • बिहार में उनका योगदान सिनेमा, खेल, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक प्रभाव तक फैला हुआ है।
  • नीतू चंद्रा ने अपनी मैथिली फ़िल्म 'मिथिला मखान' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रह चुकी है।
  • क्षेत्रीय भाषा सिनेमा में बिहार की एकमात्र राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्माता बन गईं।
  • नीतू चंद्रा ने अक्षय कुमार और जॉन अब्राहम के साथ फिल्म 'गरम मसाला' में उनके धमाकेदार बॉलीवुड डेब्यू से लेकर 'ट्रैफ़िक सिग्नल', 'ओए लकी लकी ओए', 'रण' समेत लगभग 15 से ज़्यादा हिंदी फ़िल्मों में काम किया है।

संजीव कुमार झा

बिहार चुनाव आयोग ने एक ऐतिहासिक फैसले में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित अभिनेत्री और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता नीतू चंद्रा को बिहार का 'आइकॉन फेस' नियुक्त किया है। यह ऐतिहासिक नियुक्ति न केवल एक सम्मान है, बल्कि उस नागरिक का सम्मान है जिसने अथक परिश्रम करके बिहार की पहचान को वैश्विक, राष्ट्रीय और सांस्कृतिक मंचों पर ऊंचा किया है।

नीतू चंद्रा सिर्फ़ बिहार का चेहरा ही नहीं, बल्कि बिहार का गौरव हैं। पटना में एक साधारण शुरुआत से लेकर हॉलीवुड के चमकदार रेड कार्पेट तक उनका सफ़र असाधारण से कम नहीं है। बिहार में उनका योगदान सिनेमा, खेल, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक प्रभाव तक फैला हुआ है, जो उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान लाखों लोगों को प्रेरित करने के लिए सबसे योग्य और सशक्त विकल्प बनाता है।

अक्षय कुमार और जॉन अब्राहम के साथ फिल्म 'गरम मसाला' में उनके धमाकेदार बॉलीवुड डेब्यू से लेकर 'ट्रैफ़िक सिग्नल', 'ओए लकी लकी ओए', 'रण' समेत लगभग 15 से ज़्यादा हिंदी फ़िल्मों में नीतू ने अमिताभ बच्चन, अनिल कपूर, सुष्मिता सेन, आर. माधवन, अभय देओल और कुणाल खेमू जैसे कलाकारों के साथ अभिनय किया है। वह बिहार की पहली व्यावसायिक बॉलीवुड अभिनेत्री थीं, जिन्होंने उद्योग के मानदंडों को तोड़कर दूसरों के लिए रास्ता बनाया।

इसके साथ ही सिल्वर स्क्रीन से परे उन्होंने राष्ट्रीय ताइक्वांडो चैंपियनशिप में नौ बार भारत का प्रतिनिधित्व करके, यह उपलब्धि हासिल करने वाली बिहार की पहली मार्शल आर्टिस्ट बनकर, पदक जीतकर और खेल इतिहास रचकर राज्य को अपार गौरवान्वित किया है। इतना ही नहीं, एक निर्माता के रूप में नीतू चंद्रा ने अपनी मैथिली फ़िल्म 'मिथिला मखान' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतकर एक बार फिर इतिहास रच दिया और क्षेत्रीय भाषा सिनेमा में बिहार की एकमात्र राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्माता बन गईं। अपने प्रोडक्शन हाउस चंपारण टॉकीज़ के माध्यम से उन्होंने 15 वर्षों से अधिक समय तक रोज़गार सृजन, स्थानीय प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने, महिला किसानों का समर्थन करने और बिहार में निहित क्षेत्रीय कला और आवाज़ों को ऊपर उठाने के लिए अथक प्रयास किया है।

एक हॉलीवुड अभिनेत्री के रूप में उनकी वैश्विक प्रतिष्ठा और बिहार के सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश में उनके जमीनी योगदान ने उन्हें न केवल एक आदर्श बनाया है, बल्कि प्रगति और सशक्तिकरण का एक सशक्त प्रतीक भी बनाया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत और बिहार का प्रतिनिधित्व किया है, जनहित के मुद्दों पर आवाज़ उठाई है, रूढ़ियों को तोड़ा है और अपनी जड़ों को गर्व से संजोए रखा है।

नीतू चंद्रा की बिहार चुनाव आयोग के आइकॉनिक फेस के रूप में नियुक्ति एक ऐतिहासिक और सर्वथा योग्य सम्मान है। उनका मिशन स्पष्ट है कि वे अपने प्रभाव, आवाज़ और सामाजिक मंचों का उपयोग मतदाता जागरूकता बढ़ाने, नागरिक ज़िम्मेदारी के लिए प्रेरित करने और बिहार के लोगों में राज्य के भविष्य को आकार देने में भागीदारी के लिए गर्व जगाने के लिए करें।

Post a Comment

Previous Post Next Post