विहंगम योगियों ने संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज का किया भव्य स्वागत
संजीव कुमार झा, नई दिल्ली
आध्यात्मिक संगठन विहंगम योग संस्थान, जो सनातन धर्म की रक्षा व इसके महत्व को जन—जन तक पहुंचाने के साथ विहंगम योग की शिक्षा और प्रचार-प्रसार में लगा हुआ है, का 102वां वार्षिकोत्सव 25—26 नवंबर, 2025 को वाराणसी के उमराहां में होने वाला है। इस अवसर पर और 25,000 कुंडीय वैदिक हवन यज्ञ का आयोजन उमराहां के स्वर्वेद महामंदिर के प्रांगण में होगा।
वार्षिकोत्सव को भव्य, दिव्य और अद्वितीय बनाने के मकसद से संस्थान के प्रमुख आध्यात्मिक मार्गदर्शक संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज के नेतृत्व में समर्पण दीप अध्यात्म महोत्सव, स्वर्वेद संदेश यात्रा एवं जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के दूसरे चरण में संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज का 27 जुलाई दिल्ली पधारे, जहां आईटीओ स्थित प्यारे लाल भवन में आयोजित आध्यात्मिक गोष्ठी में सैकड़ों विहंगम योगियों द्वारा जयघोष, सैकड़ों दीपों के प्रज्ज्वलन व पुष्पवर्षा के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया।
संत प्रवर ने अपने प्रेरक संदेश में कहा, 'भारत की भूमि मात्र भूमि का टुकड़ा नहीं है, यह हमारी मातृभूमि और मां है। आत्मज्ञान की प्राप्ति ही समस्त दुखों से मुक्ति का मार्ग है।" उन्होंने बताया कि 'आत्मजागरण से राष्ट्रजागरण' की यह यात्रा 29 जून को कश्मीर के लाल चौक से तिरंगा फहराकर प्रारंभ हुई है और चार माह में 40 हजार किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
इस भव्य कार्यक्रम में स्वर्वेद कथा, विहंगम योग की ध्यान साधना, डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शन और सत्संग के जरिये वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत हो उठा। खास बात यह कि वाराणसी के उमराहां में होने वाले 25,000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ हेतु सेवा संकल्प भी कार्यक्रम का प्रमुख अंग रहा।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और संत दर्शन के साथ हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने संत प्रवर से आशीर्वाद एवं प्रसाद प्राप्त किया।
Vaarshik Utsav me aane Ka nimantran dene aaye prabhu
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