सात पुरी के नाम, महत्व और रहस्य क्या है?

विनोद कुमार झा

भारत सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है जो युगों से चलती आ रही है। इस धरती पर कुछ नगर ऐसे हैं जो समय से परे हैं  जहाँ हर पत्थर एक कथा कहता है, हर गली में कोई देवता छुपा बैठा है, और हर घाट पर कोई आत्मा मोक्ष की ओर बढ़ रही है। इन्हीं दिव्य स्थलों में शामिल हैं सप्तपुरी, यानी सात मोक्षदायिनी नगर। ये केवल तीर्थ नहीं, बल्कि चेतना के उच्चतम स्तर तक पहुंचने की सात सीढ़ियाँ हैं। मान्यता है कि इन नगरों में जीवन बिताना या मृत्यु पाना, दोनों ही आत्मा को जन्म-मरण के चक्र से मुक्त कर देते हैं।

इन सात नगरों के नाम हैं -अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, काशी, कांचीपुरम, उज्जैन, और दर्शाया। हर नगर किसी न किसी देवता से जुड़ा है, और हर नगर की छाती पर इतिहास, धर्म और रहस्य की गहरी परतें चिपकी हैं। अयोध्या वो स्थान है जहाँ विष्णु ने राम बनकर अवतार लिया; मथुरा वो जेल है जहाँ कंस के आतंक में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ; हरिद्वार गंगा की गोद है, जहाँ अमृत की बूंदें गिरी थीं; काशी शिव की नगरी है, जहाँ मृत्यु भी एक उत्सव है। ये नगर सिर्फ शरीर की नहीं, आत्मा की यात्रा के पड़ाव हैं।

कहते हैं, अगर किसी ने इन सात पुरी में पुण्य कर्म किए हों, स्नान किए हों या मंदिरों के दर्शन किए हों, तो उसे बार-बार जन्म नहीं लेना पड़ता। लेकिन ये सिर्फ मंदिरों और घाटों की बात नहीं है। इन नगरों में कुछ ऐसा है जो तर्क से परे है। कभी उज्जैन के महाकाल में काल रुक जाता है, कभी द्वारका के समुद्र के नीचे छिपे शहर विज्ञान को चुनौती देते हैं। काशी में आत्मा गंगा में नहीं, मंत्रों में बहती है। मथुरा की गलियों में कान्हा की बांसुरी अब भी सुनाई देती है पर सिर्फ उन्हें, जो सुनने का धैर्य रखते हैं।

इन सात पुरी को जानना सिर्फ इतिहास पढ़ना नहीं है—यह एक अनुभव है, एक आत्मिक आरोहण है। यह समझना कि धर्म सिर्फ पूजा-पाठ नहीं, बल्कि स्थल, स्मृति और श्रद्धा का जीवंत संगम है। इन नगरों की कहानियाँ पुराणों, शास्त्रों और संतों की वाणी से चलती आई हैं, लेकिन जितना भी पढ़ो, सुनो या देखो इनका पूरा रहस्य कभी उजागर नहीं होता। शायद इसी में इनकी महिमा छुपी है।

“सात पुरी” (या सप्तपुरी) हिंदू धर्म में सात ऐसे पवित्र नगरों को कहते हैं जिन्हें मोक्षदायिनी माना गया है यानी, जहां जाने या रहने से मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। ये सात नगर धार्मिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं। हर पुरी से जुड़ा है एक गहरा रहस्य, ऐतिहासिक कथा, या धार्मिक मान्यता।

सात पुरी के नाम, महत्व और रहस्य

| पुरी का नाम | महत्व                | रहस्य / खास बातें |

1. अयोध्या| भगवान राम की जन्मभूमि।|अयोध्या को "धर्म की नगरी" कहा जाता है, यहाँ हर कदम पर राम कथा जीवित है। राम जन्मभूमि का विवाद और राम मंदिर निर्माण ऐतिहासिक घटना बन चुकी है। |

2. मथुरा| भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि। | कंस की जेल जहाँ कृष्ण का जन्म हुआ, आज भी मौजूद है। यह जगह कृष्ण की लीलाओं से भरी हुई है। 

3. हरिद्वार |गंगा नदी में स्नान से पाप मुक्त होने की मान्यता।  | हर 12 साल में कुंभ मेला होता है। माना जाता है कि यहाँ अमृत की बूंदें गिरी थीं।   

4. काशी (वाराणसी) | भगवान शिव की नगरी। | माना जाता है कि यहाँ मृत्यु होने पर सीधे मोक्ष मिलता है। “मणिकर्णिका घाट” पर अंतिम संस्कार एक नई शुरुआत मानी जाती है।|

5. कांचीपुरम | देवी कामाक्षी और कई दक्षिण भारतीय मंदिरों की भूमि। | इसे "दक्षिण की काशी" भी कहा जाता है। यहाँ के मंदिर शिल्पकला और वास्तु का चमत्कार हैं।  |

6. उज्जैन| महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का स्थान।  | कालचक्र यहाँ नियंत्रित होता है इसलिए महाकाल का स्थान है। सिंहस्थ कुंभ भी यहीं होता है। |

7. द्वारका| श्रीकृष्ण का राजमहल और राजधानी। | समुद्र में समाई हुई प्राचीन नगरी की कहानियाँ आज भी रहस्य बनी हुई हैं। समुद्र के नीचे द्वारका के अवशेष मिलने के दावे हुए हैं। |

सात पुरी न केवल तीर्थ स्थान हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और इतिहास के जीवंत केंद्र हैं। ये नगर आस्था , कर्म, और मोक्ष का संगम हैं। हर पुरी एक अनोखा अध्याय है किसी में भगवान जन्मे, किसी में मृत्यु को मोक्ष में बदला गया।


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