मार्गशीर्ष माह, शुक्ल पक्ष द्वितीया/तृतीया | शनिवार आज का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि सायं 05:12 बजे तक रहेगी, जिसके बाद तृतीया तिथि का आरंभ होगा। नक्षत्र परिवर्तन, शुभ मुहूर्त और अशुभ समय—इन सभी की विस्तृत जानकारी नीचे प्रस्तुत है, जिसे देखकर आप अपने दिन के महत्वपूर्ण कार्यों की योजना बना सकते हैं।
आज की तिथि एवं पक्ष
- द्वितीया तिथि: सायं 05:12 बजे तक
- तृतीया तिथि: इसके बाद आरंभ
- पक्ष: शुक्ल पक्ष
- माह: मार्गशीर्ष
- शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
- विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
- वार: शनिवार
नक्षत्र
- ज्येष्ठा नक्षत्र: सायं 04:47 बजे तक
- इसके बाद मूल नक्षत्र का आरंभ
योग एवं करण
योग
- शूल योग: दोपहर 12:36 बजे तक
- गण्ड योग: इसके बाद 25 नवंबर दोपहर 12:49 बजे तक
करण
- वणिज करण: 08:26 AM तक
- विष्टि करण: 09:22 PM तक
- इसके बाद बव करण
सूर्य और चंद्रमा
- सूर्योदय: 6:50 AM
- सूर्यास्त: 5:36 PM
- चन्द्रोदय: 24 नवंबर – 10:10 AM
- चन्द्रास्त: 24 नवंबर – 8:54 PM
व्रत एवं पर्व
- वरद चतुर्थी व्रत
अशुभ काल
- राहू काल: 08:11 AM – 09:32 AM
- यमगण्ड: 10:52 AM – 12:13 PM
- कुलिक: 01:34 PM – 02:54 PM
- दुर्मुहूर्त:
- 12:34 PM – 01:17 PM
- 02:44 PM – 03:27 PM
- वर्ज्यम्:
- 06:01 AM – 07:47 AM
- 06:34 AM – 08:18 AM
- गण्डमूल नक्षत्र: नहीं
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: 11:51 AM – 12:34 PM
- अमृत काल: 04:34 PM – 06:20 PM
- ब्रह्म मुहूर्त: 05:15 AM – 06:03 AM
- निशिता काल: 24 Nov रात्रि 11:17 PM – 25 Nov 12:09 AM
- प्रदोष काल: 06:31 PM – 07:41 PM
आज का आनंदादि योग
- उपयुक्त (दैनिक कार्यों हेतु अनुकूल)
आज का दिन आध्यात्मिक ऊर्जा और ग्रह नक्षत्रों के अनुकूल संयोजन से भरपूर है। शुभ मुहूर्त में कार्य सफल होते हैं, इसलिए पंचांग के आधार पर अपने महत्वपूर्ण कार्य निर्धारित करें। वरद चतुर्थी व्रत होने के कारण भक्त गण गणेशजी की उपासना करें और दिन को मंगलमय बनाएं।
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