संजीव कुमार झा
हाल ही में ‘हंगामा ओटीटी’ पर नई ओरिजनल सीरीज ‘मोना की मनोहर कहानियां’ के रिलीज हुई, यह एक मर्डर की पहेली के इर्द-गिर्द बुनी गई यह सीरीज एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर है जो दर्शकों को शक, सच के साथ हेर-फेर करने और धोखे से भरी दुनिया में ले जाती है। इस सीरीज को साकेत यादव ने डाइरेक्ट किया है। इसे प्रोड्यूस किया है राजवीर आहूजा और सचिन शिंदे ने। इस सीरीज के मुख्य किरदारों में नजर आएंगे सृष्टि रोडे, अंकुर नैय्यर और डेज़ी बोपन्ना।
‘मोना की मनोहर कहानियां’ की कहानी इंटेरोगेशन रूम (पूछताछ कक्ष) की चारदीवारी में ही सिमटी है। यह सीरीज इंस्पेक्टर पवन (अंकुर नैय्यर) की मोना (सृष्टि रोडे) से की जाने वाली पूछताछ पर केंद्रित है। एक मर्डर के मामले में सबसे ज़्यादा शक के घेरे में मोना ही है। 'मोना की मनोहर कहानी' सच और झूठ के बीच झूलती है। एक सामान्य पूछताछ जल्द ही एक बड़े अपराध की ओर ले जाती है। मोना जो भी कहानी सुनाती है उसे सुनकर पवन एक अजीब-सी साइकोलॉजिकल भूलभुलैया में फंसने लगता है। पवन यह तय नहीं कर पाता है कि मोना ही खूनी है या फिर वह कोई खेल खेल रही है। इस केस की वजह से पवन और उसकी पत्नी (डेज़ी बोपन्ना) का वैवाहिक जीवन बिखरने लगता है और मोना का खतरनाक जादू सिर चढ़कर बोलने लगता है। कहानी के इस मोड़ पर दर्शक अंदाजा लगाने लगते हैं कि कौन चीजों को कंट्रोल कर रहा है और कौन चीजों से खेल रहा है।
इस सीरीज के बारे में बात करते हुए हंगामा डिजिटल के सीईओ सिद्धार्थ रॉय ने कहा, “हमें आपके लिए यह सीरीज ‘मोना की मनोहर कहानियां’ रिलीज करते हुए बहुत खुशी हो रही है। यह आपको इस बात की झलक दिखाएगी कि हम किस तरह की नई और दिलचस्प सीरीज पर काम कर रहे हैं। आप थ्रिलर के दीवाने हों या फिर ड्रामा पसंद करते हों, कुछ नई तरह का कॉन्टेन्ट हर तरह के दर्शक के लिए हम पेश करने वाले हैं। हम हर तरह का और हर मौके के हिसाब से कॉन्टेन्ट पेश करने जा रहे हैं।”
इस सीरीज में मोना का किरदार निभाने वाली सृष्टि रोडे का कहना है, “अभी तक मैंने जितने भी किरदार निभाए हैं, मोना उनमें सबसे अलग है। यह हर पल बदलने वाला, बहुत से राज समेटे और कई परतों वाला किरदार है। यह ऐसा किरदार है, जिसके बारे में आपको सिर्फ उतनी ही जानकारी मिलेगी, जिससे आपकी उत्सुकता बढ़े और जो कुछ भी जानने को मिलेगा, उससे आप इस किरदार को पूरी तरह नहीं समझ पाएंगे। इस सीरीज के फॉर्मेट ने मुझे यह मौका भी दिया कि मैं कहानी के साथ नई तरह का प्रयोग कर सकूं। मैं यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि मोना की दुनिया में जाने के बाद दर्शक कैसा महसूस करते हैं।”
इस सीरीज में अपनी भूमिका के बारे में अंकुर नैय्यर कहते हैं, “इंस्पेक्टर पवन एक ऐसा इंसान है, जो अपनी ड्यूटी और किसी पर संदेह के बीच फंस गया है। उसके और मोना के बीच जिस तरह की मनोवैज्ञानिक कशमकश है, उसी के इर्द-गिर्द यह सीरीज घूमती है। इस सीरीज में तनाव है, शक है और एक अजीब-सी कशमकश है। मुझे इस किरदार ने इसलिए भी आकर्षित किया कि जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, तो इसके साथ जो कुछ होता है उसे यह कंट्रोल नहीं कर पाता है। अभी तक आपने पुलिस अफसर और शातिर अपराधी की टक्कर वाली जितनी भी सीरीज देखी होगी यह उससे बिल्कुल अलग है। इसमें आपके सामने ऐसे खुलासे होंगे जिनकी उम्मीद भी आपने नहीं की होगी।”