- एसडीओ व निरीक्षक पर मानवाधिकार आयोग ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए मामला किया दर्ज
- आईरा इंटरनेशनल रिपोर्टर्स एसोसिएशन द्वारा पत्रकारों के हित में दायर अपील को संज्ञान लेकर मानवाधिकार आयोग ने मामले को किया दर्ज
आबिद हुसैन विशेष संवाददाता
हापुड़। पत्रकारों को झूठे मुकदमों में फँसाने की साज़िश रचने वाले बिजली विभाग के निवर्तमान उपमंडल अधिकारी देवेंद्र यादव और पुलिस निरीक्षक अवधेश महोर के खिलाफ दायर अपील पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामले की गंभीरता को देख संज्ञान लेते हुए शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बाद उपमंडल अधिकारी देवेंद्र यादव को सेवा से बर्खास्त किया गया था। आरोप है कि बर्खास्तगी के बाद उन्होंने पुलिस निरीक्षक अवधेश महोर से मिलीभगत कर पूर्व में दर्ज एक मामले में पत्रकारों के नाम जबरन जोड़ दिए, जबकि मूल तहरीर में न तो किसी पत्रकार का नाम था और न ही किसी अज्ञात व्यक्ति का उल्लेख।
पत्रकारों को जब इस षड्यंत्र का पता चला तो उन्होंने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को साक्ष्य सहित शिकायत पत्र प्रस्तुत करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
इस मामले की गंभीरता से उठाते हुए आईरा इंटरनेशनल रिपोर्टर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. तारिक जकी ने कहा कि – “पत्रकारों पर झूठे मुकदमे थोपना लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने का प्रयास है। संगठन ऐसे किसी भी दमनकारी कदम को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
वही शिकायत पत्र की प्रतिलिपि राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजकर आयोग से मामले को संज्ञान लेकर पत्रकरो को न्याय व दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभाग्य कारवाही करने की अपील की मानवाधिकार आयोग ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर लिया है।