नई दिल्ली। इस वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर, रविवार को लगने जा रहा है। हालांकि यह खगोलीय घटना भारत में दिखाई नहीं देगी। देश के लोग इसे केवल वैज्ञानिक माध्यमों और इंटरनेट प्रसारण के जरिए ही देख पाएंगे।
खगोलविदों के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में नजर आएगा। भारत सहित एशिया के ज्यादातर देशों में इसका प्रभाव नहीं होगा।
इससे पहले इस साल का पहला सूर्य ग्रहण अप्रैल में लगा था, जो आंशिक रूप से भारत के कुछ हिस्सों में दिखाई दिया था। वहीं, 21 सितंबर का यह सूर्य ग्रहण खगोल विज्ञानियों और शोधकर्ताओं के लिए विशेष महत्व रखता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रहण का सीधा धार्मिक प्रभाव भारत में नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह यहां दृश्य नहीं होगा। फिर भी ज्योतिषीय दृष्टि से इसे लेकर चर्चा बनी रहेगी।