-मुख्यमंत्री की बंदी के बाद भी धड़ल्ले से दौड़ रहे मिट्टी के डंपर, जांच का विषय
हापुड़। जिले में खनन माफियाओं का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि मुख्यमंत्री की सख्त बंदी और निर्देशों के बावजूद मिट्टी के डंपर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के गांव हावाल में सोमवार रात खनन माफियाओं और उनके गुर्गों ने ग्रामीणों से मारपीट की। आरोप है कि हाईवे से बचने के लिए करीब एक दर्जन अवैध मिट्टी के डंपर गांव की तंग गलियों से निकाले जा रहे थे।
गांव के ही हसमत पुत्र शौकत ने खनन माफिया भुट्टू पुत्र अब्दुल्ला पर आरोप लगाया कि वह अवैध तरीके से मिट्टी डाल रहा है और विरोध करने पर दबंगई करते हुए मारपीट की गई। मामले की शिकायत जब सिखेड़ा पुलिस चौकी में की गई तो वहां भी हैरान करने वाला घटनाक्रम सामने आया।
ग्रामीणों का आरोप है कि चौकी स्टाफ ने कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित को ही चौकी में बैठा लिया और शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। चौकी से खबर प्रसारित होने पर पुलिसकर्मी बौखला गए और पीड़ित परिवार को चौकी से यह कहते हुए भगा दिया कि खबर उन्हीं की वजह से चली है।
ग्रामीणों का कहना है कि चौकी स्टाफ खनन माफियाओं की खुली सरपरस्ती कर रहा है। मुख्यमंत्री जहां खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कर रहे हैं, वहीं जमीनी स्तर पर पुलिस की भूमिका संदिग्ध दिखाई दे रही है। इससे न केवल ग्रामीणों का न्याय पर से विश्वास टूट रहा है, बल्कि क्षेत्र में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर खनन माफियाओं और मिलीभगत करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।