30 जून 2025, सोमवार का पंचांग इस प्रकार है: तिथि और संवत् : आषाढ़ शुक्ल पंचमी – सुबह 09:23–09:24 बजे तक (इसके बाद षष्ठी शुरू) संवत : शक 1947, विक्रम सं. 2082, हिजरी 4 मुहर्रम 1447 नक्षत्र, योग, करण : नक्षत्र : मघा – सुबह 07:20 बजे तक, फिर पूर्वा फाल्गुनी योग : सिद्धि – शाम 05:21 बजे तक, इसके बाद व्यातिपात। करण : बालव – सुबह 09:23 तक, फिर कौलव । सूर्योदय एवं सूर्यास्त : सूर्योदय : लगभग 05:26 AM सूर्यास्त : लगभग 07:23 PM
राहुकाल एवं अशुभ समय
राहुकाल : 07:11–08:56 AM (दिल्ली के अनुसार)
अशुभ अवधि: यमगण्ड (10:40–12:25), गुलिकाल (02:09–03:54 PM), दुर्मुहूर्त, वर्ज्यम
शुभ मुहूर्त : अभिजीत मुहूर्त : 11:57–12:53 PM
अन्य शुभ मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (04:06–04:46 AM), विजय मुहूर्त (02:44–03:40 PM), गोधूलि मुहूर्त (07:22–07:42 PM)
चौघड़िया (प्रमुख मुहूर्त)
प्रातः
अमृत: 06:00–07:30
काल: 07:30–09:00
शुभ: 09:00–10:30
दोपहर एवं सायंकाल
रोग: 10:30–12:00
उद्वेग: 12:00–13:30
चर: 13:30–15:00
लाभ: 15:00–16:30
अमृत: 16:30–18:00
संक्षेप सारणी
| घटक | समय / विवरण | ---------------------- | --------------------- |
| तिथि | पंचमी → 09:24 बजे तक, फिर षष्ठी |
| नक्षत्र | मघा → 07:20 तक → पूर्वा फाल्गुनी |
| योग | सिद्धि → 05:21 बजे तक |
| करण | बालव → कौलव |
| सूर्योदय/सूर्यास्त | 05:26 AM / 07:23 PM |
|राहुकाल | 07:11–08:56 AM |
| शुभ मुहूर्त | अभिजीत 11:57–12:53 PM, अन्य जैसे विजय, गोधूलि |
|चौघड़िया| सुबह अमृत (06–07:30), शाम अमृत (16:30–18:00) |
सलाह :अनुकूल कार्यों की शुरुआत : शुभ मुहूर्त एवं अभिजीत, शाम के अमृत एवं लाभ समय का लाभ उठाएं।
बचें : राहुकाल (07:11–08:56), यमगण्ड व गुलिकाल इत्यादि में नए कार्य न प्रारंभ करें।
शिवजी पूजा : सोमवार होने के कारण ब्रह्म मुहूर्त या शुभ समय में विशेष प्रभावी हो सकती है।
अगर आप किसी विशेष कार्य के लिए मुहूर्त जानना चाहते हैं जैसे विवाह, यात्रा, घर‑केंद्र इत्यादि तो बताइए। मैं समय अनुसार शुभ मुहूर्त व सुझाव बता सकता हूँ।