कालांवाली (सुरेश जोरासिया)। समाज मे जहां अनकों समाजिक बुराई है। वहीं समाज मे पर्ची सट्टे का कारोबार अपने चर्म सीमा पर है। कालांवाली मंड़ी मेे पर्ची सट्टे का कारोबार जोरो पर है। आम इंसान सुबह से लेकर शाम तक मजदूर अपनी मेहनत की कमाई को महज कुछ रूपये के लालच मे आकर पर्ची सट्टा लगाता है। उसको लालच दिया जाता एक रात की ही बात रात बीत जाने के बाद सुबह होते ही 1 रूपये के बदले में 80 रूपये मिलेंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुरानी कालांवाली मंड़ी, वार्ड नं0 6 एवं खुंहवाला बाजार विशेष तौर पर प्रचलित है। परिवार के सदस्य बच्चों को बाजार से सामान लाने के लिए भेजते है तो वह पर्ची सट्टा के लालच मे आकार रूपये खर्च कर देते है। पर्ची सट्टे के कारण परिवारों मे लड़ाई झगड़े अधिक होने लग गऐ है। घर का मुखिया घरेलू राशन ने के लिए जाता है तो वह इनके हत्थे चढ़ जाता है और पर्ची सट्टे का खेल शुरू हो जाता है। जब घरेलू राशन घर नही पहुंचता है तो यही कारण परिवार मे लड़ाई का सबसे बड़ा कारण बनता है। यह कारोबार महिलाऐ के द्वारा ज्यादा फल फूल रहा। पर्ची सट्टा घूम घूम कर लगाया जाता है। पुलिस प्रशासन से शहरवासीयों ने मांग कि है इसको रोक जाऐ।