कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आज है, जो 4 नवंबर की सुबह 2 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि का आरंभ होगा। आज सोम प्रदोष व्रत है, जो भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। आइए जानते हैं आज के दिन का विस्तृत पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त और शिव वास से जुड़ी जानकारी —
आज की तिथि और दिनांक
- दिनांक: 3 नवंबर 2025, सोमवार
- हिंदू पंचांग के अनुसार: कार्तिक मास, शुक्ल पक्ष, त्रयोदशी तिथि
- विक्रम संवत्: 2082
- शक संवत्: 1947
- हिजरी संवत्: 1447
- ऋतु: हेमंत ऋतु
- सूर्य स्थिति: दक्षिणायन, दक्षिण गोल
- व्रत-त्योहार: सोम प्रदोष व्रत
- सूर्योदय: सुबह 6 बजकर 33 मिनट
- सूर्यास्त: शाम 5 बजकर 35 मिनट
शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:51 से 5:43 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 1:54 से 2:38 तक
- गोधूलि बेला: शाम 5:34 से 6:00 तक
- निशीथ काल: रात 11:39 से 12:31 तक
- अमृत काल: सुबह 6:34 से 7:57 तक
अशुभ मुहूर्त (Ashubh Muhurat)
- राहुकाल: सुबह 7:30 से 9:00 तक
- गुलिक काल: दोपहर 1:30 से 3:00 तक
- यमगंड: सुबह 10:30 से दोपहर 12:00 तक
- दुर्मुहूर्त: दोपहर 12:26 से 1:10 तक
नक्षत्र, योग और करण
- नक्षत्र:
- उत्तर भाद्रपद – दोपहर 3:06 बजे तक
- इसके बाद रेवती नक्षत्र प्रारंभ
- योग:
- हर्षण योग – शाम 7:39 बजे तक
- इसके बाद वज्र योग प्रारंभ
- करण:
- कौलव करण – दोपहर 3:41 बजे तक
- इसके बाद तैतिल करण
- चंद्र स्थिति:
- चंद्रमा आज दिनभर मीन राशि में रहेगा
सोम प्रदोष व्रत विशेष
आज का दिन भगवान शिव और मां पार्वती की उपासना के लिए अत्यंत शुभ है। सोमवार का प्रदोष व्रत “सोम प्रदोष” कहलाता है, जो सुख-समृद्धि, आरोग्य और मानसिक शांति प्रदान करता है।
पूजन का उत्तम समय सूर्यास्त के पश्चात संध्या काल में माना गया है, अर्थात शाम 5:35 से 6:05 बजे तक प्रदोष काल में पूजा करें।
आज शिव वास मीन राशि में है, इसलिए जल और दुग्ध से अभिषेक अत्यंत फलदायी रहेगा।
आज क्या करें और क्या न करें
करें:
- प्रदोष काल में शिव परिवार की पूजा करें।
- बिल्वपत्र, धतूरा, अक्षत और जल अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
न करें:
- राहुकाल के समय कोई नया कार्य आरंभ न करें।
- पश्चिम दिशा की यात्रा टालें।
- प्रदोष काल से पूर्व भोजन करने से बचें।
नोट : 3 नवंबर 2025 का दिन प्रदोष व्रत और शिव उपासना के लिए अत्यंत पवित्र है। आज का दिन आत्मिक शांति और सद्गति प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ माना गया है। शुभ मुहूर्त का ध्यान रखकर पूजा करने से भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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