विकास बनाम भ्रम का संग्राम

बिहार में चुनावी रण पूरी तरह गर्मा चुका है। जैसे-जैसे मतदान की तारीख करीब आ रही है, सियासी दलों की आवाज़ें और तेज़ हो चली हैं। मंचों से नारे बुलंद हो रहे हैं, एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, और जनता के बीच यह सवाल गूंज रहा है आखिर बिहार का भविष्य किसके हाथों सुरक्षित है? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने भाषणों में विकास को मुख्य मुद्दा बनाते हुए कहा है कि "अब बिहारी होना गर्व की बात है।" उन्होंने जनता से अपील की कि वे राज्य के विकास और स्थिरता के लिए राजग (NDA) को एक बार फिर मौका दें। नीतीश की बातों में एक संदेश छिपा है  वे पिछले दो दशकों के कार्यकाल को बिहार के ‘सुधार काल’ के रूप में जनता के सामने पेश करना चाहते हैं। सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य  इन क्षेत्रों में जो सुधार हुए हैं, वे उन्हें अपनी सबसे बड़ी पूंजी मान रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर, गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि अगर राजद (RJD) सत्ता में आती है, तो ‘जंगलराज’ लौट आएगा। शाह का यह बयान बिहार की राजनीतिक स्मृतियों को झकझोरने वाला है। उनके अनुसार, यह चुनाव बिहार के भविष्य का फैसला करेगा विकास और स्थिरता बनाम अराजकता और भ्रष्टाचार के बीच की जंग है।लेकिन इसी बीच प्रियंका गांधी ने भी जनता से अपील की है कि वे ‘डबल इंजन सरकार’ के वादों पर भरोसा न करें। उनके मुताबिक, बिहार में बेरोजगारी, महंगाई और पलायन जैसे मुद्दे अब भी जस के तस हैं। उन्होंने यह सवाल उठाया कि अगर ‘डबल इंजन’ की ताकत सच में बिहार को बदल सकती थी, तो आज भी युवा रोज़गार की तलाश में बाहर क्यों जा रहे हैं?दरअसल, बिहार का चुनाव इस बार सिर्फ सत्ता परिवर्तन की लड़ाई नहीं है, बल्कि विचारों की जंग है। एक तरफ NDA है जो अपनी उपलब्धियों के बूते जनता से विश्वास की मांग कर रहा है, तो दूसरी ओर विपक्ष है जो बदलाव के नाम पर उम्मीदों का पुल बना रहा है।

जनता के सामने अब यह तय करने की घड़ी है कि क्या वह स्थिरता और विकास की गारंटी चाहती है या नए वादों और प्रयोगों को मौका देगी। बिहार के मतदाता राजनीतिक चेतना में देश के सबसे परिपक्व माने जाते हैं। उन्होंने कई बार सत्ता को उसके कामकाज के आधार पर परखा है, और इस बार भी फैसला इसी कसौटी पर होगा। चुनावी नारों और भाषणों के बीच असली सवाल यही है  क्या बिहार अपने विकास की रफ्तार को बनाए रखेगा या फिर राजनीति की पुरानी रफ्तार पर लौट जाएगा? आने वाले दिनों में इसका जवाब जनता की उंगली पर स्याही की उस एक लकीर में छिपा होगा।

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