आबिद हुसैन, हापुड़। जनपद के विकास खण्डों की ग्राम पंचायतों में यदि किसी मतदाता का नाम एक से अधिक स्थानों पर समान रूप से प्रदर्शित हो रहे हैं तो ऐसी दशा में निर्वाचक नामावली के वृहद् पुनरीक्षण के समय सत्यापनोंपरान्त, सामान्य रूप से निवास करने वाले ग्राम पंचायत में उस मतदाता का नाम रखते हुए अन्य ग्राम पंचायत से नियमानुसार विलोपित किया जाना आवश्यक है।
राज्य निर्वाचन आयोग उ०प्र० द्वारा इस कार्य हेतु विकास खण्ड के अन्तर्गत आने वाली सभी ग्राम पंचायतों के सम्भावित डुप्लीकेट मतदाताओं (जिनका नाम, पिता/पति/माता का नाम एवं लिंग समान है) के नाम चिन्हित किये गये हैं, तथा जनपद स्तर पर संम्बन्धित सम्भावित डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची ग्राम पंचायतों के बी०एल०ओ० को उपलब्ध करायी गई है ताकि निर्वाचक नामावली के वृहद् पुनरीक्षण के समय बी०एल०ओ० द्वारा उनका पृथक् से सत्यापन किया जा सके।
यदि किसी विकास खण्ड में ऐसे व्यक्ति जिनका नाम, पिता/पति/माता का नाम एवं लिंग समान है तथा वे सत्यापन उपरान्त सही पाये गये हैं तो प्रमाणीकरण स्वरूप उनके आधार कार्ड के अंतिम 04 अंक भी बी०एल०ओ० द्वारा अकिंत किया जायेगा ताकि डी-डुप्लीकेशन में उनका नाम अपमार्जित (डिलीट) न हो।
राज्य निर्वाचन आयोग, उ०प्र० के निर्देशानुसार सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि ग्राम पंचायतों के ऐसे मतदाता जिनका नाम राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा बी०एल०ओ० को उपलब्ध कराई गई डुप्लीकेट सूची में है, वह घर पर पहुँचने वाले बी०एल०ओ० को अपने आधार कार्ड के अन्तिम 04 अंक अवश्य उपलब्ध करा दे। आधार कार्ड के अन्तिम 4 अंक उपलब्ध न कराने की दशा में मतदाता को डुप्लीकेट मतदाता मानते हुए अपमार्जन (विलोपन) की कार्यवाही कर दी जायेगी।
