21 सितंबर 2025 का पंचांग : विक्रम संवत: 2082, शक संवत: 1947, माह/पक्ष: आश्विन मास, कृष्ण पक्ष, तिथि: अमावस्या रात्रि 1:23 तक, तत्पश्चात प्रतिपदा, चंद्र राशि: सिंह दोपहर 4:00 बजे तक, तत्पश्चात कन्या, चंद्र नक्षत्र: पूर्वा फाल्गुनी प्रातः 9:31 तक, तत्पश्चात उत्तरा फाल्गुनी, योग: शुभ सायं 7:52 तक, तत्पश्चात शुक्ल योग, भद्रा: नहीं है, पंचक: नहीं है।
सूर्योदय-सूर्यास्त : सूर्योदय: प्रातः 6:08 बजे, सूर्यास्त: सायं 6:20 बजे।
आज के प्रमुख मुहूर्त :
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:34 से 5:22 तक
अभिजित मुहूर्त: प्रातः 11:31 से 12:39 तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:16 से 3:04 तक
गोधूलि बेला: शाम 6:19 से 6:43 तक
निशीथ काल: रात्रि 11:50 से 12:38 तक
अशुभ मुहूर्त
राहुकाल: शाम 4:30 से 6:00 तक
गुलिक काल: दोपहर 3:30 से 4:30 तक
यमगंड: दोपहर 12:00 से 1:30 तक
दुर्मुहूर्त: शाम 4:42 से 5:30 तक
रविवार का दिशाशूल
आज पश्चिम दिशा में यात्रा वर्जित। यदि यात्रा अनिवार्य हो तो पान खाकर चौघड़िया मुहूर्त में प्रस्थान करें।
आज के चौघड़िया मुहूर्त
दिन के चौघड़िया: चर – प्रातः 7:41 से 9:12 तक।
लाभ – प्रातः 9:12 से 10:41 तक
अमृत – प्रातः 10:41 से 12:11 तक
शुभ – दोपहर 1:41 से 3:10 तक
रात्रि के चौघड़िया:
शुभ – सायं 6:10 से 7:40 तक
अमृत – रात्रि 7:40 से 9:10 तक
चर – रात्रि 9:10 से 10:41 तक
लाभ – रात्रि 1:41 से 3:12 तक
शुभ – प्रातः 4:42 से 6:12 तक
आज के व्रत एवं त्योहार: सर्वपितृ अमावस्या, अज्ञात तिथि वाले एवं भूले-बिसरे पितरों का श्राद्ध, पितृ विसर्जनआज का दिन पितृ तर्पण और श्राद्ध के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। राहुकाल और अमावस्या तिथि में किसी भी शुभ कार्य से बचना चाहिए।