-आज शिक्षा केवल ज्ञान का प्रसार नहीं बल्कि विद्यार्थियों की रुचियों और क्षमताओं को पहचानकर उन्हें सही दिशा देने की आवश्यकता है: निदेशक पीएन सिंह
प्रयागराज। मनोविज्ञानशाला, प्रयागराज में शिक्षकों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को शिक्षा मनोविज्ञान के सिद्धांतों एवं शिक्षण विधियों में हो रहे नवीनतम विकास से अवगत कराना तथा छात्रों की सीखने की प्रक्रिया और उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं को समझने में सहायता प्रदान करना है।
प्रशिक्षण के प्रथम दिन विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित किए गए जिनमें शिक्षकों को छात्रों के सीखने के विविध तरीकों उनकी मानसिक प्रवृत्तियों तथा शिक्षा की उपयोगी पद्धतियों पर जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनोविज्ञानशाला उत्तर-प्रदेश,प्रयागराज के निदेशक व जिला विद्यालय निरीक्षक प्रयागराज पी.एन. सिंह रहे।उन्होंने कहा कि “आज शिक्षा केवल ज्ञान का प्रसार नहीं बल्कि विद्यार्थियों की रुचियों और क्षमताओं को पहचानकर उन्हें सही दिशा देना है। शिक्षा मनोविज्ञान से शिक्षकों को यह समझने में मदद मिलती है कि किस प्रकार छात्र अलग-अलग परिस्थितियों में सीखते हैं और उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षण पद्धति अपनाई जानी चाहिए।
दो दिवसीय प्रशिक्षण में विषय-विशेषज्ञों के माध्यम से विद्यार्थियों में एकाग्रता,अवधारण एवं सचेतन के संवर्धन से संबंधित गतिविधियों के माध्यम से शिक्षक-शिक्षिकाओं को विद्यार्थियों में एकाग्रता, अवधारण एवं सचेतन संवर्धन हेतु शिक्षक शिक्षकों को अवगत कराया गया।जिससे विद्यार्थियों सर्वांगीण विकास हो सके। इस अवसर पर सह जिला विद्यालय निरीक्षक जितेंद्र प्रताप सिंह,राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य धर्मेंद्र सिंह, विशेषज्ञ दल,डॉ ज्योति वैजल असिस्टेंट प्रो.एच एस खन्ना डिग्री कॉलेज, डॉ दिलीप सिंह, असिस्टेंट प्रो सीएमपी डिग्री कॉलेज, सुश्री रेनू सिंह प्रवक्ता, मनोविज्ञान शाला उ.प्र. प्रयागराज, डॉ जोया परवीन प्रवक्ता, मनोविज्ञान शाला उत्तर प्रदेश प्रयागराज व तथा जनपद के विभिन्न माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकगण उपस्थित रहे।