स्वतंत्रता दिवस विशेष : आज भी भारत सोने की चिड़िया ...

 खबर मार्निंग टीम

15 अगस्त यह तारीख हमारे इतिहास की वह उजली सुबह है, जब 200 वर्षों की लंबी गुलामी की रात आखिरकार समाप्त हुई। जब भारत ने अंग्रेजी साम्राज्य की क्रूर बेड़ियों को तोड़कर स्वतंत्रता की सांस ली, तब हर गली, हर चौपाल और हर घर में तिरंगा लहराकर गर्व से कहा गया “अब हम आज़ाद हैं!”

भारत का इतिहास केवल आज़ादी की लड़ाई से शुरू नहीं होता। यह उस प्राचीन सभ्यता से शुरू होता है, जिसने वेदों की ऋचाओं से संसार को ज्ञान का दीप दिया। यह वह धरती है जहां रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य जन्मे, जहां बुद्ध, महावीर, गुरु नानक और countless संतों ने मानवता का मार्ग प्रशस्त किया। नालंदा और तक्षशिला में जब शिक्षा के दीप जल रहे थे, तब यूरोप अंधकार में था। गणित में शून्य, खगोल विज्ञान में ग्रहों की गति, योग की अमर विद्या सब कुछ इस भूमि की देन है। तभी तो इसे “सोने की चिड़िया” कहा जाता था।

लेकिन यह स्वर्णिम परिंदा अंग्रेजी साम्राज्य के लोहे के पिंजरे में कैद कर दिया गया। हमारे उद्योग उजाड़ दिए गए, किसानों पर भारी कर लगाए गए, भाषाओं और संस्कृति को दबाया गया। जलियांवाला बाग का रक्तरंजित इतिहास, असहयोग आंदोलन पर लाठियां, नमक पर कर ये सब अंग्रेजों के निर्दयी शासन की गवाही देते हैं। फिर भी, भारत ने कभी हार नहीं मानी। गांधीजी का अहिंसक आंदोलन, नेताजी का जोश, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद और असंख्य वीर सपूतों के बलिदान ने स्वतंत्रता की नींव रखी।

आज का भारत एक नया अध्याय लिख रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में  IIT, IIM, AIIMS से लेकर ग्रामीण स्कूलों तक, ज्ञान का दीप फिर से जगमगा रहा है। तकनीक क्षेत्र में चंद्रयान और गगनयान से लेकर डिजिटल इंडिया तक, हम विज्ञान की ऊंचाइयों को छू रहे हैं। खेल में हम भारतीय ओलंपिक पदकों से लेकर विश्वकप जीत तक, तिरंगे की शान विश्व पटल पर बढ़ रही है। सीमा सुरक्षा में हमारी सेनाएं हर मौसम, हर परिस्थिति में देश की रक्षा कर रही हैं। कूटनीति और व्यापार मामले में विश्व मंच पर भारत की आवाज़ आज मजबूती से गूंजती है।


हर 15 अगस्त को जब तिरंगा लहराता है, तो उसकी हर धार हमें एक संदेश देती है  केसरिया: साहस और बलिदान का प्रतीक, सफेद: शांति और सत्य का मार्ग,  हरा: समृद्धि और प्रगति की पहचान है। और उसके बीच का अशोक चक्र हमें सतत गतिशील रहने की प्रेरणा देता है।
कभी स्वर्णिम अतीत से पहचाने जाने वाला भारत, आज भी सोने की चिड़िया है बस उसके पंख अब और भी मजबूत हो गए हैं। यह देश केवल इतिहास का गौरव नहीं, बल्कि भविष्य की उम्मीद है। हमारी युवा पीढ़ी, हमारी सेना, हमारी सरकार और हर नागरिक सब मिलकर इस भारत को और ऊंचाइयों पर ले जाने में जुटे हैं।

15 अगस्त हमें याद दिलाता है कि आज़ादी सिर्फ एक तोहफ़ा नहीं, यह एक जिम्मेदारी है एक संकल्प कि भारत को हर क्षेत्र में विश्वगुरु बनाना है। और जब तक तिरंगा आकाश में लहराता रहेगा, तब तक भारत की यह यात्रा संघर्ष से शिखर तक अविराम जारी रहेगी।

जय हिन्द, वन्देमातरम

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