नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी को एक और बड़ा समर्थन मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्रिनिदाद एवं टोबैगो यात्रा के दौरान इस कैरेबियाई देश ने भारत को अपना पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। पीएम मोदी की यह यात्रा 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है, जिसे ऐतिहासिक माना जा रहा है।
शुक्रवार को पोर्ट ऑफ स्पेन में प्रधानमंत्री मोदी और त्रिनिदाद एवं टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की व्यापक वार्ता हुई। वार्ता के बाद दोनों देशों ने छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जो बुनियादी ढांचे, औषधि, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, डिजिटल परिवर्तन (यूपीआई), क्षमता निर्माण और जनसंपर्क जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मजबूती देंगे।
वैश्विक मंच पर भारत को समर्थन : शनिवार को जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि त्रिनिदाद और टोबैगो ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन की पुष्टि की है। दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधारों की आवश्यकता को रेखांकित किया और कहा कि यूएनएससी का विस्तार वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों को बेहतर ढंग से दर्शाएगा।
इसके साथ ही यह सहमति भी बनी कि भारत, त्रिनिदाद और टोबैगो की 2027-28 की अवधि में यूएनएससी की अस्थायी सीट के लिए उम्मीदवारी का समर्थन करेगा और बदले में त्रिनिदाद भारत की 2028-29 की अस्थायी सीट की दावेदारी का समर्थन करेगा।
आतंकवाद और वैश्विक संघर्षों पर एकजुटता : प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर त्रिनिदाद और टोबैगो द्वारा भारत के प्रति दिखाए गए समर्थन और एकजुटता के लिए आभार व्यक्त किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों ने आतंकवाद से मुकाबले के लिए साझा प्रतिबद्धता को दोहराया।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू के बीच भी एक गर्मजोशी से भरी मुलाकात हुई। विदेश मंत्रालय ने इसे दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता का प्रतीक बताया। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति कंगालू को प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्राप्त करने पर बधाई दी और उनकी सार्वजनिक सेवा के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
भारत-त्रिनिदाद मैत्री को नई गति : प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए त्रिनिदाद यात्रा को अविस्मरणीय बताया और कहा,“त्रिनिदाद एवं टोबैगो को धन्यवाद। यहां बिताए गए पल कभी भुलाए नहीं जा सकेंगे। हमने भारत-त्रिनिदाद मैत्री को नयी गति दी है। राष्ट्रपति कंगालू, प्रधानमंत्री बिसेसर, सरकार और इस अद्भुत देश के लोगों के प्रति मैं आभार प्रकट करता हूं।”प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद की संसद को भी संबोधित किया और भारत-त्रिनिदाद संबंधों में क्रिकेट की साझा विरासत को रेखांकित किया।
भारतीय मूल के लोगों को मिला ओसीआई कार्ड का तोहफा :भारत सरकार ने त्रिनिदाद में बसे भारतीय मूल के लोगों की छठी पीढ़ी तक को ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड देने की घोषणा की है। यह घोषणा दोनों देशों के सांस्कृतिक और पारिवारिक संबंधों को और मजबूत करेगी।
ग्लोबल साउथ की एकजुटता पर बल : दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने 'ग्लोबल साउथ' के देशों के बीच एकजुटता को बढ़ावा देने और भारत-कैरिकॉम साझेदारी को और मजबूत करने पर भी सहमति व्यक्त की। यह साझेदारी विकासशील देशों की वैश्विक मामलों में आवाज को और मजबूत करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी समकक्ष कमला प्रसाद बिसेसर को भारत आने का आमंत्रण भी दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। विदेश मंत्रालय ने इस पूरी यात्रा को दोनों देशों के विशेष द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने वाली बताया है।
त्रिनिदाद एवं टोबैगो द्वारा भारत की UNSC स्थायी सदस्यता का समर्थन, प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की एक और बड़ी कूटनीतिक सफलता है। कैरेबियाई क्षेत्र में भारतीय प्रभाव और प्रवासी भारतीयों की गहराई तक पहुंच बनाने की यह रणनीति, भारत के वैश्विक कद को बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।