पटना। बिहार की राजनीति में गर्माहट बढ़ती जा रही है। इसी साल संभावित विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक दल अपनी-अपनी बिसात बिछाने में जुट गए हैं। चुनावी तैयारियों की कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने आज पटना में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक आयोजित की है। इस बैठक को पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें आगामी चुनाव की रूपरेखा और रणनीति पर मंथन होगा।
बैठक से पहले ही RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एनडीए और चुनाव आयोग को आड़े हाथों लेते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक के बाद एक तीखे बयान जारी किए। उन्होंने लिखा, "संघियों ने देश के लोकतंत्र को इस पड़ाव पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां नागरिकों को अपना वोट बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। सरकार मतदाताओं का अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है।"
उन्होंने चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा "चुनाव आयोग मतदाताओं को वोट के अधिकार से वंचित करने की साजिशें रच रहा है। मानसिक, आर्थिक और सामाजिक उत्पीड़न के ज़रिए लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। आधार कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेजों को तक मान्यता नहीं दी जा रही है। इनकी गुंडागर्दी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
इस बैठक की अध्यक्षता स्वयं लालू प्रसाद यादव कर रहे हैं। बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, पार्टी के वरिष्ठ नेता, सभी प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्य मौजूद हैं।
बैठक में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की जा रही है:
- आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति तय करना
- प्रमुख चुनावी मुद्दों पर पार्टी का स्टैंड
- बूथ स्तर पर संगठन को मज़बूत करने की योजना
- एनडीए सरकार की नीतियों पर चुनावी घेराबंदी की रूपरेखा
- सहयोगी दलों के साथ तालमेल और सीट साझा करने की योजना
- प्रचार अभियान के थीम, स्लोगन और नेतृत्व पर अंतिम मुहर
बैठक में तेजस्वी यादव को आगामी चुनाव में RJD का चेहरा बनाए रखने पर सहमति बनने की संभावना है। पार्टी का फोकस युवा मतदाताओं को साधने और रोजगार, शिक्षा, महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर जनता से सीधा संवाद स्थापित करने पर है।
बैठक के समापन पर लालू यादव कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे और आने वाले चुनावों में 'संघी सत्ता' को उखाड़ फेंकने के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान करेंगे। राजनीतिक दृष्टिकोण से यह बैठक न केवल RJD की दिशा तय करेगी, बल्कि बिहार की चुनावी फिजा को भी नया मोड़ देने वाली साबित हो सकती है। अब देखना यह है कि इस बैठक से निकलने वाली रणनीति आगामी महीनों में राज्य की राजनीति को किस दिशा में ले जाती है।