जम्मू। दक्षिण कश्मीर हिमालय की बर्फीली वादियों में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है। शुक्रवार को तीर्थयात्रियों का तीसरा जत्था भारी श्रद्धा और उत्साह के साथ जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ। इस जत्थे में कुल 6,411 श्रद्धालु शामिल हैं, जिन्हें 291 वाहनों में कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच रवाना किया गया।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन और अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार, इस जत्थे में 4,723 पुरुष, 1,071 महिलाएं , 37 बच्चे और 580 साधु-साध्वियां शामिल हैं। तीर्थयात्रियों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की सुरक्षा में दो अलग-अलग काफिलों में भेजा गया पहला काफिला गुरुवार देर रात 3:15 बजे और दूसरा शुक्रवार तड़के 4:00 बजे रवाना हुआ। जत्था दो प्रमुख मार्गों से यात्रा करेगा एक दल गांदरबल जिले के बालटाल मार्ग से और दूसरा अनंतनाग जिले के पहलगाम मार्ग से होकर पवित्र गुफा की ओर अग्रसर हुआ।
अब तक 14,000 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन : 38 दिवसीय इस वार्षिक तीर्थयात्रा की शुरुआत के बाद से अब तक लगभग 14,000 श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। पवित्र गुफा समुद्र तल से 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, और यहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को कठिन पर्वतीय मार्ग से होकर गुजरना होता है। इसके बावजूद श्रद्धा और भक्ति में डूबे हजारों लोग प्रतिदिन इस यात्रा में भाग ले रहे हैं।
अमरनाथ यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। CRPF, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के संयुक्त सुरक्षा बलों को संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया है। हर यात्री को RFID टैग के माध्यम से ट्रैक किया जा रहा है, और मार्ग में जगह-जगह चिकित्सा, राहत और विश्राम केंद्र भी स्थापित किए गए हैं।
भगवती नगर आधार शिविर में तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधाएं, भोजन, पेयजल और विश्राम की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविरों में तैनात डॉक्टरों और एम्बुलेंस सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
अमरनाथ यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था, विश्वास और भारतीय सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन चुकी है। देशभर से विभिन्न जाति, वर्ग, भाषा और क्षेत्र के लोग इस पावन यात्रा में सहभागी बनते हैं, जिससे यह यात्रा एक विराट आध्यात्मिक उत्सव का रूप ले लेती है।
प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे केवल पंजीकरण के बाद ही यात्रा पर आएं और यात्रा मार्गों पर जारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें। मौसम की अनिश्चितता और ऊंचाई पर स्थित गुफा क्षेत्र की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए प्रशासन निरंतर निगरानी कर रहा है।
अमरनाथ यात्रा हर वर्ष की भांति इस बार भी अपार श्रद्धा, अनुशासन और प्रशासनिक समन्वय के साथ संपन्न हो रही है। जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ रही है, बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह भी चरम पर पहुंच रही है। देशभर से उमड़ा यह आस्था का सैलाब न केवल धार्मिक भावनाओं को प्रकट करता है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता का भी प्रतीक बनकर उभर रहा है।