#Amarnath yatra 2025 : तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

जम्मू। भारत के श्रद्धा और साहस का प्रतीक बनी अमरनाथ यात्रा एक बार फिर आरंभ हो चुकी है। बुधवार सुबह जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रद्धालु यात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही आधिकारिक रूप से श्री अमरनाथ यात्रा 2025 का शुभारंभ हो गया। तीर्थयात्रियों के चेहरों पर उत्साह और भक्ति का अनोखा संगम दिखाई दिया, वहीं सुरक्षा बलों ने अदम्य साहस और कर्तव्यपरायणता का परिचय देते हुए सुरक्षा घेरा संभाल रखा है।

रामबन में पहुंचा पहला जत्था : पहला जत्था जम्मू से रवाना होकर सफलतापूर्वक रामबन जिले के चंद्रकोट पहुंच गया है। यहां तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं। रामबन के विधायक अर्जुन सिंह राजू ने चंद्रकोट में श्रद्धालुओं से मुलाकात की और प्रशासन की व्यवस्थाओं की जानकारी साझा करते हुए कहा, “रामबन प्रशासन ने श्री अमरनाथ यात्रा के लिए बहुत ही उत्तम प्रबंध किए हैं। यात्रा इस बार न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का करारा जवाब भी है।" उन्होंने यह भी कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और स्वास्थ्य की निगरानी के लिए प्रशासन 24 घंटे तत्पर है।

पंथा चौक बेस कैंप से श्रीनगर रवाना हुआ जत्था : श्रीनगर में स्थित पंथा चौक बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे को पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत कड़ी रखी गई थी। बुलेटप्रूफ वाहनों, ड्रोन से निगरानी, और चप्पे-चप्पे पर तैनात जवानों ने सुनिश्चित किया कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा या खतरे का सामना न करना पड़े।

श्रद्धा और सुरक्षा का अद्भुत समागम : अमरनाथ यात्रा की शुरुआत इस बार एक विशेष संदेश के साथ हो रही है  "आस्था में अपार शक्ति है, और भारत अपने तीर्थस्थलों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।" हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भले ही चिंता पैदा की हो, लेकिन सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और तत्परता ने यह सुनिश्चित किया है कि भय नहीं, बल्कि भक्ति की भावना यात्रा की पहचान बने।

तीर्थयात्रियों के लिए विशेष इंतजाम : रामबन, अनंतनाग, गांदरबल और बालटाल जैसे महत्वपूर्ण पड़ावों पर तीर्थयात्रियों के ठहरने, भोजन, चिकित्सा, संचार और सुरक्षा के लिए विशिष्ट इंतजाम किए गए हैं। इस वर्ष यात्रा के दौरान हाईटेक GPS ट्रैकिंग सिस्टम , डिजिटल मेडिकल यूनिट्स, और ई-सेवा शिविरों की भी व्यवस्था की गई है।

लंगर सेवाएं और वालंटियर टीमें सक्रिय : देश के विभिन्न हिस्सों से आई सेवा समितियाँ और लंगर संगठन तीर्थयात्रियों को भोजन और सहायता उपलब्ध कराने में जुट गए हैं। पवित्र गुफा तक पहुँचने की कठिन यात्रा में ये स्वयंसेवी संस्थाएं सेवा भाव की मिसाल पेश कर रही हैं।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन, केंद्रीय गृह मंत्रालय, और श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं को यह भरोसा दिलाया है कि यात्रा पूरी तरह सुरक्षित है और सभी प्रशासनिक इकाइयाँ निरंतर निगरानी में हैं। श्रद्धालुओं को अपील की गई है कि वे केवल पंजीकृत मार्गों पर ही यात्रा करें, और किसी भी अफवाह या ग़लत सूचना से बचें।

श्री अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था अपने पवित्र गंतव्य की ओर बढ़ चुका है, और इसके साथ ही शुरू हुआ है श्रद्धा, साहस और संयम का वह अध्याय, जो देश की आध्यात्मिक चेतना को जीवंत बनाता है। यह यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह दर्शाती है कि भारत के लोग आस्था और सुरक्षा दोनों के प्रति सजग हैं। घाटी की वादियों में ‘ हर हर महादेव’ के जयघोष गूंजने लगे हैं, और कैलाशपति भोलेनाथ के भक्त अब उनकी पवित्र गुफा में दर्शन हेतु अग्रसर हैं।

जय बम भोले! हर हर महादेव!


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