मंडी में बादल फटने से अब तक 14 की मौत, 31 लोग अब भी लापता

मंडी (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बुधवार को बादल फटने और उससे उत्पन्न अचानक बाढ़ ने तबाही मचा दी। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक कुल 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 लोग घायल हैं। प्रशासन द्वारा जारी सूचना के अनुसार, घटनास्थलों से एक और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या में वृद्धि हुई है। वहीं, अब भी 31 लोग लापता हैं जिनकी तलाश युद्धस्तर पर जारी है।

अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ और मलबे में कई घर, सड़कें और वाहन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), स्थानीय पुलिस और राहत दलों ने खोज और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। हेलिकॉप्टरों की मदद से दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है जहां सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण राहत कार्य में बाधाएं आ रही हैं।

मंडी जिले के उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने बताया, “स्थिति अत्यंत गंभीर है। मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है। हम लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।”

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों को मुफ्त इलाज की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि लापता लोगों को ढूंढने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति: बाढ़ से मंडी जिले के करसोग, बल्ह, गोहर और सुंदरनगर क्षेत्रों में सबसे अधिक तबाही हुई है। कई गांवों में बिजली और संचार व्यवस्था ठप हो गई है। खेतों में खड़ी फसलें बह गई हैं और पेयजल के स्रोत क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

स्थानीय लोगों की स्थिति: स्थानीय लोगों में डर और असहायता की भावना स्पष्ट है। एक ग्रामीण बुजुर्ग रमेश ठाकुर ने बताया, “हमने कभी ऐसी तबाही नहीं देखी। रातोंरात पूरा गांव बदल गया। मलबा और पानी ने सब कुछ निगल लिया।”

सावधानी और अलर्ट: राज्य सरकार और मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं और पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा से बचें। स्कूलों को एहतियातन बंद कर दिया गया है और आपदा नियंत्रण कक्षों को 24 घंटे सक्रिय रखा गया है।

हिमाचल प्रदेश के मंडी में आई इस आपदा ने एक बार फिर पहाड़ी राज्यों में प्राकृतिक असंतुलन और जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को उजागर कर दिया है। सरकार और प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हैं, लेकिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हालात अब भी बेहद चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं।


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