तिथि : अषाढ़ शुक्ल पक्ष, अष्टमी
दिन : गुरुवार
विक्रम संवत्: 2082
शक संवत्: 1947
मास : आषाढ़ (शुक्ल पक्ष)
ऋतु : वर्षा ऋतु
आज के शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:11 से 04:52 तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:56 से 12:52 तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:18 से 07:38 तक
विवाह योग्य मुहूर्त: आज नहीं है
गृह प्रवेश/नव कार्यारंभ: आज शुभ योग नहीं
सूर्य और चंद्र से संबंधित समय
सूर्योदय: प्रातः 05:29 बजे
सूर्यास्त: सायं 07:23 बजे
चंद्रोदय: दोपहर 12:33 बजे
चंद्रास्त: रात्रि 12:34 बजे (अगले दिन)
नक्षत्र व योग
नक्षत्र: स्वाती (पूर्ण रात्रि)
योग: सौभाग्य (रात्रि 09:44 तक), उसके बाद शोभन
करण: गरज (दोपहर 02:21 तक), उसके बाद वणिज
अशुभ काल (राहुकाल, यमघंट)
राहुकाल: दोपहर 01:58 से 03:40 तक
यमगण्ड: प्रातः 05:29 से 07:11 तक
गुलिक काल: प्रातः 09:34 से 11:16 तक
दिशाशूल: दक्षिण दिशा – इस दिशा में यात्रा वर्जित
उपाय : यदि दक्षिण दिशा की यात्रा अनिवार्य हो, तो दही खाकर प्रस्थान करें।
आज के व्रत एवं पर्व
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत
गुरुवार व्रत (बृहस्पति पूजा)
बालाजी पूजा विशेष फलदायी
दैनिक ध्यान व संदेश: गुरुवार का दिन बृहस्पति देव को समर्पित है, जो ज्ञान, धर्म, विवाह और संतान सुख के कारक माने जाते हैं। इस दिन पीले वस्त्र धारण करें, चने की दाल का दान करें और “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करें। इससे जीवन में विद्या, वैवाहिक सुख और मनोबल की वृद्धि होती है।