डॉक्टरों को महसूस कराएं कि हम उनके संघर्ष को समझते हैं : डॉ. सुष्मिता

प्रफुल्ल पांडेय खबर मार्निंग

नोएडा। डॉक्टर्स डे हर साल 1 जुलाई को मनाया जाता है ताकि समाज उन डॉक्टरों का धन्यवाद कर सके जो दिन-रात हमारी सेहत के लिए काम करते हैं। ये दिन डॉक्टरों की निस्वार्थ सेवा, मेहनत, और उनके योगदान को सम्मान देने का दिन है। फर्स्टवन रिहैब फाउंडेशन की सीईओ डॉ सुष्मिता भाटी ने कहा कि मैं समाज और सरकार को धन्यवाद देना चाहती हूँ क्योंकि एक फिजियोथेरेपिस्ट और ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट की सालों पुरानी जंग, अप्रैल 2025 में समाप्त हो गई जब मुझे एक पीटी/ओटी को स्वतंत्र रूप से एक संपूर्ण डॉक्टर के रूप में पेशेंट को देखने की आज़ादी मिली। 

यह नया करिकुलम हम फिजियोथेरेपिस्ट और ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट के लिए इस डॉक्टर्स डे का सबसे बड़ा उपहार है, जिस प्रेम और आदर से सभी डॉक्टर्स डे मना रहे हैं, हम सभी डॉक्टर्स भी उतनी ही निष्ठा से समाज को स्वस्थ रखने में अपनी पूरी भागीदारी देंगे। डॉ सुष्मिता भाटी ने कहा कि आज नेशनल डॉक्टर्स डे के इस अवसर पर, मैं पूरे समाज से दिल से एक बात कहना चाहती हूँ कि एक डॉक्टर सिर्फ़ एक पेशेवर नहीं होता, वो उम्मीद की एक किरण होता है। वो हर दिन अपनी नींद, आराम, परिवार और निजी जीवन को पीछे छोड़कर सिर्फ़ अपने मरीज की सलामती के लिए खड़ा रहता है। हर धड़कती सांस, हर मुस्कराता चेहरा उसके समर्पण का नतीजा होता है। डॉक्टर का जीवन त्याग, धैर्य और करुणा की मिसाल होता है और इसलिए यह केवल हमारी ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि हमारा फर्ज़ बनता है कि हम भी अपने डॉक्टरों की देखभाल करें, उन्हें समझें, और उनके लिए वही संवेदना रखें जो वे हर दिन हमारे लिए रखते हैं।

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