अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: स्वस्थ जीवन की संजीवनी

हर वर्ष 21 जून को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह दिन ना केवल योग की प्राचीन भारतीय परंपरा को सम्मान देने का अवसर है, बल्कि मानव शरीर, मन और आत्मा के संतुलन के महत्व को भी रेखांकित करता है। योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि यह एक आध्यात्मिक, मानसिक और भावनात्मक यात्रा है जो व्यक्ति को स्वयं से जोड़ती है।

योग का वैश्विक मंच पर उदय: 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित यह दिन, 193 सदस्य देशों में से 177 के समर्थन के साथ पारित हुआ। 21 जून को इसलिए चुना गया क्योंकि यह ग्रीष्म संक्रांति का दिन होता है, जब सूर्य पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में अपनी चरम स्थिति में होता है योग की दृष्टि से यह समय ऊर्जा के परिवर्तन और आत्मिक विकास का प्रतीक माना गया है।

योग का उद्देश्य और महत्व:  योग का अर्थ है "संयोजन"  आत्मा और परमात्मा, शरीर और चेतना, या मन और प्रकृति का मिलन। यह तन को लचीला बनाता है, मन को स्थिर करता है और आत्मा को शांति प्रदान करता है। विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के समय, योग ने लोगों को मानसिक शांति, प्रतिरक्षा शक्ति और संयम प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • इस दिन की गतिविधियां:
  •  सूर्य नमस्कार और प्राणायाम जैसी योग क्रियाएं सामूहिक रूप से की जाती हैं।
  • विद्यालयों, सरकारी संस्थाओं, सैन्य अड्डों और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर योग प्रदर्शन आयोजित होते हैं।
  • आयुष मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष एक विशेष Common Yoga Protocol' जारी किया जाता है जिसे लाखों लोग अनुसरण करते हैं।
  • ऑनलाइन वेबिनार, वर्कशॉप और ध्यान सत्र भी बढ़-चढ़कर आयोजित होते हैं।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस महज़ एक दिन नहीं, बल्कि एक वैश्विक चेतना की शुरुआत है  जहाँ प्रत्येक व्यक्ति अपने भीतर की शक्ति को पहचान सके और "वसुधैव कुटुम्बकम्" के सिद्धांत को योग के माध्यम से अपनाए। योग का अभ्यास केवल शरीर को स्वस्थ नहीं बनाता, यह समाज और विश्व को भी शांति और सामंजस्य की ओर ले जाता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं


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