बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले, चारधाम यात्रा का शुभारंभ

विशेष संवाददाता खबर मार्निंग

भक्ति के रंग में रंगा पूरा धाम; सीएम पुष्कर सिंह धामी ने की पूजा, गढ़वाल राइफल्स के बैंड ने रचाई अद्भुत भक्ति-गाथा

उत्तराखंड में सोमवार सुबह आध्यात्मिक उल्लास और भक्ति के बीच बद्रीनाथ धाम के कपाट विधिवत रूप से खोल दिए गए। इस ऐतिहासिक अवसर पर देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालु साक्षी बने। चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल बन गया।

कपाट खुलने के पूर्व बद्रीनाथ मंदिर को करीब 15 क्विंटल गेंदे और अन्य पुष्पों से सजाया गया था। रंग-बिरंगे फूलों की सजावट ने मंदिर परिसर को स्वर्ग जैसा दृश्य प्रदान किया। धूप की सुनहरी किरणों में नहाया मंदिर, फूलों से ढकी दीवारें, और चारों ओर गूंजती ‘जय बद्री विशाल’ की गूंज, श्रद्धालुओं के हृदयों में अविस्मरणीय भाव भर गई।

इस अवसर को और खास बनाने के लिए भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल्स के बैंड ने भक्ति संगीत की अद्भुत प्रस्तुति दी। बैंड ने जब ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ और ‘जय बद्री विशाल’ जैसे भजनों की धुन छेड़ी, तो वहां मौजूद हर भक्त का मन भक्ति में सराबोर हो गया। सेना का यह योगदान स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों के लिए गर्व का विषय रहा।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस पुण्य अवसर पर उपस्थित रहे। उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में विधिवत पूजा-अर्चना की और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। सीएम धामी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “बद्री विशाल के आशीर्वाद से प्रदेश का विकास और तीर्थाटन को नई ऊँचाइयाँ मिलेंगी। हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में श्रद्धालुओं को और बेहतर सुविधाएँ मिलें।”

कपाट खुलने के अवसर पर सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों का जमावड़ा शुरू हो गया था। देश के कोने-कोने से पहुँचे श्रद्धालु घंटों पहले ही कतार में लग गए थे ताकि भगवान बद्रीनाथ के प्रथम दर्शन का लाभ उठा सकें। मंदिर प्रांगण ‘ऊँ जय बद्री विशाल’ के जयकारों से गूंज उठा।

बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की विश्वविख्यात चारधाम यात्रा का औपचारिक शुभारंभ हो गया। इससे पहले केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खोले जा चुके हैं। चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है और राज्य की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

कपाट खुलने के कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएँ की थीं। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे और मेडिकल टीमों को तैनात किया गया था। स्थानीय व्यापारियों और होटलों में भी उत्सव का माहौल था, क्योंकि कपाट खुलने के साथ ही तीर्थाटन सीजन की शुरुआत हो गई है।

इस बार प्रशासन और मंदिर समिति ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे प्लास्टिक का उपयोग न करें और धाम की पवित्रता बनाए रखें। बद्रीनाथ धाम की सुंदरता और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए कई स्वयंसेवी संगठन भी सक्रिय हो गए हैं।

बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने का यह वार्षिक आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि उत्तराखंड के सांस्कृतिक और पर्यटन परिदृश्य में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। श्रद्धा, आस्था और भक्ति के इस पर्व ने एक बार फिर लोगों के दिलों को जोड़ने का कार्य किया है। आने वाले महीनों में लाखों श्रद्धालु इस पवित्र धाम में दर्शन करने पहुँचेंगे और उत्तराखंड की धार्मिक परंपराओं में अपनी आस्था प्रकट करेंगे।


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