सीजफायर के बाद भी पाक की नापाक हरकतें जारी, भारत ने दिया करारा जवाब

-सैन्य प्रमुखों के बीच बनी सहमति को तोड़ा पाकिस्तान, 'ऑपरेशन सिंदूर' अभी भी जारी

नई दिल्ली/जम्मू: भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम समझौते के ऐलान के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर भरोसे को तोड़ने वाली कार्रवाई सामने आई। शनिवार को हुई सीजफायर घोषणा के कुछ ही देर बाद पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर की सीमा पर गोलीबारी कर समझौते का उल्लंघन किया। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में एक बार फिर तनाव का माहौल बन गया है। हालांकि, भारतीय सशस्त्र बलों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए स्थिति पर नियंत्रण बना लिया।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री का कड़ा संदेश: शनिवार देर रात हुई प्रेस वार्ता में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान की हरकत की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "यह सीजफायर समझौते का खुला उल्लंघन है। सशस्त्र बलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) पर किसी भी प्रकार की उल्लंघन की घटना से सख्ती से निपटा जाए।" मिस्री ने यह भी कहा कि भारत इन उल्लंघनों को अत्यंत गंभीरता से ले रहा है और सेना स्थिति पर पैनी निगाह बनाए हुए है।

'ऑपरेशन सिंदूर' अभी जारी: भारतीय वायुसेना ने स्पष्ट किया है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' अभी समाप्त नहीं हुआ है। यह अभियान फिलहाल भी जारी है और देश की सुरक्षा में कोई ढील नहीं दी जाएगी। एयरफोर्स सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकी ठिकानों और पाकिस्तान के सैन्य बुनियादी ढांचे को निष्क्रिय करना है।

पाकिस्तान ने मानी तबाही: सीजफायर की घोषणा के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि भारत की कार्रवाई से उनके देश को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने कई सैन्य ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

जनजीवन पटरी पर लौटने लगा: इस बीच, जम्मू-कश्मीर और अन्य सीमावर्ती राज्यों में धीरे-धीरे जनजीवन सामान्य हो रहा है। लोग अब राहत की सांस ले रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान की ओर से हुई ताज़ा गोलीबारी ने फिर से चिंता बढ़ा दी है।

सैन्य संवादों पर सवाल : पिछले कुछ घंटों में भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच बनी सहमति को पाकिस्तान ने बार-बार तोड़ा है। यह अंतरराष्ट्रीय नियमों और परस्पर भरोसे के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाता है।

पाकिस्तान की ओर से बार-बार किए जा रहे समझौते के उल्लंघन को लेकर भारत अब और अधिक सतर्क हो गया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि शांति की पहल को कमजोरी न समझा जाए और हर उल्लंघन का माकूल जवाब दिया जाएगा।


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