लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस केंद्र का उद्घाटन, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और राष्ट्रीय शक्ति का संदेश

लखनऊ। पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच शनिवार को लखनऊ में भारत की सामरिक ताकत का प्रतीक माने जा रहे ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया गया। यह अवसर रक्षा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और विशेष रूप से लखनऊ की ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

हालांकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस समारोह में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन अपने संदेश के माध्यम से उन्होंने न केवल इस परियोजना के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारतीय सेना की वीरता, सरकार की आतंकवाद विरोधी नीति और देश की रक्षा प्रतिबद्धता को भी मजबूती से सामने रखा।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर लखनऊ को सौगात

राजनाथ सिंह ने अपने संदेश में कहा, “आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस है। 11 मई 1998 को अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हमारे वैज्ञानिकों ने पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण कर भारत की शक्ति का लोहा पूरे विश्व को मनवाया था। वह परीक्षण देश के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, रक्षा कर्मियों और अन्य हितधारकों के समर्पण और अथक परिश्रम का परिणाम था।”

उन्होंने लखनऊ में ब्रह्मोस केंद्र के उद्घाटन को व्यक्तिगत सपना बताते हुए कहा, “मैंने हमेशा यह सपना देखा था कि मेरा शहर लखनऊ भारत के रक्षा क्षेत्र में निर्णायक भूमिका निभाए। आज वह सपना साकार हुआ है। यह केंद्र न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि समूचे भारत की सामरिक आत्मनिर्भरता को नई ऊँचाई देगा।”

ब्रह्मोस: केवल मिसाइल नहीं, एक संदेश

राजनाथ सिंह ने कहा, “ब्रह्मोस सिर्फ एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल नहीं है, बल्कि यह भारत की प्रतिरोधक क्षमता का प्रतीक है। यह उन दुश्मनों के लिए सीधा संदेश है जो भारत की सीमाओं और नागरिकों को खतरे में डालने का दुस्साहस करते हैं। यह भारत और रूस के सामरिक सहयोग का प्रतीक भी है, और आने वाले वर्षों में यह हज़ारों रोजगार अवसर भी सृजित करेगा।”

ऑपरेशन सिंदूर’ : आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब

रक्षा मंत्री ने अपने संदेश में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “जो आतंकी संगठनों ने भारत माता के मस्तक पर प्रहार कर कई परिवारों का सिंदूर मिटाया, उन्हें भारतीय सेना ने उनके अंजाम तक पहुंचाया। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारतीय सेना ने न केवल शहीदों को न्याय दिलाया, बल्कि यह दिखा दिया कि भारत आतंक के खिलाफ *ज़ीरो टॉलरेंस नीति* पर काम करता है।”

राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का लक्ष्य कभी आम नागरिकों को नुकसान पहुंचाना नहीं रहा, जबकि हमारे दुश्मन हमारे धार्मिक स्थलों और निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाते रहे हैं। “हमने न केवल नियंत्रण रेखा पर, बल्कि रावलपिंडी तक उनके गढ़ों पर हमला किया,” उन्होंने कहा। “यह नया भारत है, जो सीमाओं के आर-पार भी प्रभावी कार्रवाई करने में सक्षम है।”

लखनऊ से आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम

ब्रह्मोस एयरोस्पेस केंद्र का उद्घाटन डिफेंस कॉरिडोर परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश में हो रहे तेज़ रक्षा औद्योगिक विकास का हिस्सा है। इस केंद्र में मिसाइलों के निर्माण, परीक्षण और इंटीग्रेशन की सुविधाएं होंगी, जिससे भारत की रक्षा तैयारियों को और गति मिलेगी।

आज का दिन भारत के सैन्य, वैज्ञानिक और तकनीकी आत्मबल का पर्व बन गया है। यह उद्घाटन केवल एक सैन्य परियोजना की शुरुआत नहीं है, बल्कि यह उस आत्मविश्वास का प्रतीक है, जिसके बल पर भारत आज अपने दुश्मनों को उन्हीं की भाषा में जवाब दे रहा है।

(यह रिपोर्ट राष्ट्रीय सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, और रक्षा मामलों से संबंधित है।)

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