विनोद कुमार झा
हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय के देवता कहा गया है, जिनकी दृष्टि मात्र से ही अच्छे-बुरे कर्मों का फल तय हो जाता है। शनिदेव का नाम सुनते ही लोगों के मन में एक अदृश्य भय उत्पन्न हो जाता है, लेकिन सच यह है कि शनिदेव केवल उन्हीं पर क्रूर होते हैं, जो अधर्म और अन्याय का मार्ग चुनते हैं। शनिवार के दिन शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना करने से उनके कोप से मुक्ति और जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है। आज हम आपको बता रहे हैं शनिदेव के 108 पावन नाम, जिनका जाप करने से न केवल कष्टों से राहत मिलती है, बल्कि भाग्य का द्वार भी खुल जाता है। आइए, शनिदेव के इन दिव्य नामों का स्मरण कर पुण्य अर्जित करें।
शनिदेव के 108 नाम
1. शनैश्चर- धीरे-धीरे चलने वाला
2. शांत- शांत रहने वाला
3. सर्वाभीष्टप्रदायिन्- सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला
4. शरण्य- रक्षा करने वाला
5. वरेण्य- सबसे उत्कृष्ट
6. सर्वेश- सारे जगत के देवता
7. सौम्य- नरम स्वभाव वाले
8. सुरवन्द्य- सबसे पूजनीय
9. सुरलोकविहारिण- सुरह्स की दुनिया में भटकने वाले
10. सुखासनोपविष्ट- घात लगा के बैठने वाले
11. सुन्दर- बहुत ही सुंदर
12. घन- बहुत मजबूत
13. घनरूप- कठोर रूप वाले
14. घनाभरणधारिण- लोहे के आभूषण पहनने वाले
15. घनसारविलेप- कपूर के साथ अभिषेक करने वाले
16. खद्योत- आकाश की रोशनी
17. मंद- धीमी गति वाले
18. मंदचेष्ट- धीरे से घूमने वाले
19. महनीयगुणात्मन- शानदार गुणों वाला
20. मर्त्यपावनपद- जिनके चरण पूजनीय हो
21. महेश- देवों के देव
22. छायापुत्र- छाया का बेटा
23. शर्व- पीड़ा देना वाला
24. शततूणीरधारिण- सौ तीरों को धारण करने वाले
25. चरस्थिरस्वभाव- बराबर या व्यवस्थित रूप से चलने वाले
26. अचञ्चल- कभी ना हिलने वाले
27. नीलवर्ण- नीले रंग वाले
28. नित्य- अनंत एक काल तक रहने वाले
29. नीलाञ्जननिभ- नीला रोगन में दिखने वाले
30. नीलाम्बरविभूषण- नीले परिधान में सजने वाले
31. निश्चल- अटल रहने वाले
32. वैद्य- सब कुछ जानने वाले
33. विधिरूप- पवित्र उपदेश देने वाले
34. विरोधाधारभूमि- जमीन की बाधाओं का समर्थन करने वाले
35. भेदास्पद स्वभाव- प्रकृति का पृथक्करण करने वाला
36. वज्रदेह- वज्र के शरीर वाला
37. वैराग्यद- वैराग्य के दाता
38. वीर- अधिक शक्तिशाली
39. वीतरोगभय- डर और रोगों से मुक्त रहने वाले
40. विपत्परम्परेश- दुर्भाग्य के देवता
41. विश्ववंद्य- सबके द्वारा पूजे जाने वाले
42. गृध्नवाह- गिद्ध की सवारी करने वाले
43. गूढ़- छुपा हुआ
44. कूर्मांग- कछुए जैसे शरीर वाले
45. कुरूपिण- असाधारण रूप वाले
46. कुत्सित- तुच्छ रूप वाले
47. गुणाढ्य- भरपूर गुणों वाले
48. गोचर- हर क्षेत्र पर नजर रखने वाले
49. अविद्यामूलनाश- अनदेखा करने वालों का नाश करने वाले
50. विद्याविद्यास्वरूपिण- ज्ञान करने वाले और अनदेखा करने वाले
51. आयुष्यकारण- लंबा जीवन देने वाले
52. आपदुद्धर्त्र- दुर्भाग्य को दूर करने वाले
53. विष्णुभक्त- विष्णु के भक्त
54. वशिन- स्वनियंत्रित करने वाले
55. विविधागमवेदिन- कई शास्त्रों का ज्ञान रखने वाले
56. विधिस्तुत्य- पवित्र मन से पूजे जाने वाले
57. वंद्य- पूजनीय
58. विरुपाक्ष- कई नेत्रों वाले
59. वरिष्ठ- उत्कृष्ट
60. गरिष्ठ- आदरणीय देव
61. वज्रांगकुशधर- वज्र-अंकुश रखने वाले
62. वरदाभयहस्त- भय को दूर भगाने वाले
63. वामन- (बौना) छोटे कद वाले
64. ज्येष्ठापत्नीसमेत- जिसकी पत्नी ज्येष्ठ हो
65. श्रेष्ठ- सबसे उच्च
66. मितभाषिण- कम बोलने वाले
67. कष्टौघनाशकर्त्र- कष्टों को दूर करने वाले
68. पुष्टिद- सौभाग्य के दाता
69. स्तुत्य- स्तुति करने योग्य
70. स्तोत्रगम्य- स्तुति के भजन के माध्यम से लाभ देने वाले
71. भक्तिवश्य- भक्ति द्वारा वश में आने वाले
72. भानु- तेजस्वी
73. भानुपुत्र- भानु के पुत्र
74. भव्य- आकर्षक
75. पावन- पवित्र
76. धनुर्मण्डलसंस्था- धनुमंडल में रहने वाले
77. धनदा- धन के दाता
78. धनुष्मत- विशेष आकार वाले
79. तनुप्रकाशदेह- तन को प्रकाश देने वाले
80. तामस- ताम गुण वाले
81. अशेषजनवंद्य- सभी सजीव द्वारा पूजनीय
82. विशेषफलदायिन- विशेष फल देने वाले
83. वशीकृतजनेश- सभी मनुष्यों के देवता
84. पशूनांपति- जानवरों के देवता
85. खेचर- आसमान में घूमने वाले
86. घननीलांबर- गाढ़ा नीला वस्त्र पहनने वाले
87. काठिन्यमानस- निष्ठुर स्वभाव वाले
88. आर्यगणस्तुत्य- आर्य द्वारा पूजे जाने वाले
89. नीलच्छत्र- नीली छतरी वाले
90. नित्य- लगातार
91. निर्गुण- बिना गुण वाले
92. गुणात्मन- गुणों से युक्त
93. निंद्य- निंदा करने वाले
94. वंदनीय- वंदना करने योग्य
95. धीर- दृढ़निश्चयी
96. दिव्य देह- दिव्य शरीर वाले
97. दीनार्तिहरण- संकट दूर करने वाले
98. दैन्यनाशकराय- दुख का नाश करने वाले
99. आर्यजनगण्य- आर्य के लोग
100. क्रूर- कठोर स्वभाव वाले
101. क्रूरचेष्ट- कठोरता से दंड देने वाले
102. कामक्रोधकर- काम और क्रोध के दाता
103. कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारण- पत्नी और बेटे की दुश्मनी
104. परिपोषितभक्त- भक्तों द्वारा पोषित
105. परभीतिहर- डर को दूर करने वाले
106. भक्तसंघमनोऽभीष्टफलद- भक्तों के मन की इच्छा पूरी करने वाले
107. निरामय- रोग से दूर रहने वाले
108. शनि- शांत रहने वाले।
शनिवार को शनिदेव का नाम ही काफी है।
जय श्री शनिदेव
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