Khabar Morning नोएडा। आज सुबह शहर के कई हिस्सों में घनी जहरीली धुंध छा गई, जिससे जीवन-यापन बाधित और सड़कों पर विजिबिलिटी बेहद कम रही। रीयल-टाइम मॉनिटरिंग के अनुसार नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘हैज़र्डस’ श्रेणी में दर्ज हुआ कई स्टेशन्स पर रीडिंग 400 के ऊपर दर्ज की गई। यह स्तर फेफड़ों और हृदय रोग वाले लोगों के लिए तत्काल खतरनाक माना जाता है।
नागरिकों ने सुबह सड़कों पर धुंध के कारण धीमी गाड़ियों, बाइक चालकों के प्रभावित होने और बसों की देरी की सूचना दी। कुछ इलाकों में ऊँचे भवनों को भी धुंध में धुंधला देखा गया सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों में आसपास का वातावरण घना और भूरा दिखाई दे रहा है। विशेषज्ञों ने बताया कि इस तरह की "टॉक्सिक स्मॉग" तब बनती है जब ठंडी हवा और कमजोर हवाएँ प्रदूषक कणों को बिखरने नहीं देतीं और वायुमंडलीय इन्वर्शन कणों को जमीन के पास जकड़ लेती है।
क्या वजहें हैं?
वातावरण विज्ञानियों का कहना है कि समस्या के बहु-कारक कारण हैं वाहनों और स्थानीय उद्योगों से निकलने वाला धुआँ, निर्माण-स्थलों से उड़ती धूल, आसपास के जिलों में फसलों की पराली जलाने से उठने वाला धुआँ और मौसमी स्थितियाँ (कम तापमान व हल्की हवा) ये सभी मिलकर PM2.5 और PM10 कणों का स्तर असामान्य रूप से बढ़ा देते हैं। इन छोटे कणों (PM2.5) का सांद्रण विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षा सीमाओं से कई गुणा अधिक देखा जा रहा है, जो स्वास्थ्य पर तीव्र और दीर्घकालिक प्रभाव डालता है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य और सरकारी चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने वल्मीकि-समान चेतावनी जारी की: बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और श्वास-संस्थाओं/हृदय रोगियों को अत्यंत सावधानी बरतने के साथ घरों के अंदर रहने और यदि बाहर निकलना जरूरी हो तो मानक N95/FFP2 मास्क पहनने की सलाह दी गई है। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों से बाहर अनावश्यक गतिविधियां टालने और खुले में व्यायाम/दौड़ से परहेज़ करने का अनुरोध किया है।
प्रशासनिक कदम और GRAP के लागू होने की संभावना
दिल्ली-एनसीआर में हालिया वायु-गुणवत्ता बिगड़ने के चलते ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के उच्च स्तरों पर कारवाई और कदम उठाए जाने की संभावनाएँ जताई जा रही हैं स्कूलों के हाइब्रिड/ऑनलाइन मोड पर जाने और कुछ निर्माण/उद्योग गतिविधियों पर पाबंदी जैसे निर्णय लिए जा सकते हैं। कुछ जिलों ने पहले ही सख्त कदमों और उल्लंघन करने वालों पर जुर्माने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
लोगों के जीवन पर असर
सुबह के समय परिवहन प्रभावित रहा; विजिबिलिटी कम होने से ट्रैफिक धीमा हुआ और कुछ मार्गों पर सड़कों पर वाहन लंबा-चौड़ा जाम बना।
स्कूल प्रशासन ने छोटे बच्चों के लिए क्लास-रूपरेखा और बाहर की गतिविधियों पर रोक लगाने की सूचना जारी की है।
श्वास से संबंधित शिकायतों में वृद्धि के साथ कुछ क्लीनिकों और अस्पतालों में आकस्मिक सेवा की माँग बढ़ी।
क्या करना चाहिए
1. अनावश्यक बाहरी गतिविधियाँ टालें; यदि बाहर जाना अपरिहार्य हो तो मास्क पहनें (N95/FFP2)।
2. घरों में हवा को फिल्टर करने के लिए एयर प्यूरीफ़ायर का इस्तेमाल कर सकते हैं और खिड़कियाँ तब बंद रखें जब प्रदूषण चरम पर हो।
3. वाहन साझा करें, अनावश्यक वाहन यात्रा कम करें; सार्वजनिक परिवहन का उपयोग बढ़ाएँ।
4. यदि आसपास पराली जलती दिखे या कोई निर्माण काम अनियंत्रित धूल उड़ाता हो, तो स्थानीय प्राधिकरण को सूचित करें।
आगे की आँकड़े और निगरानी
केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों की रीयल-टाइम रिपोर्टों पर नजर रखना जरूरी है — AQI में उतार-चढ़ाव के अनुसार प्रशासनिक कदम भी बदले जा सकते हैं। मौसम विभाग की भविष्यवाणियाँ (धुंध/कम हवा) आने वाले दिनों में प्रदूषण को और बढ़ा सकती हैं, इसलिए परिवहन और स्वास्थ्य सेवाओं को सतर्क रहना होगा।
नोट: यह रिपोर्ट रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के आधार पर तैयार की गई है।
