साल के अंतिम दिनों में बुधवार का यह दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व लेकर आया है। पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर आज वरद विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की आराधना से बुद्धि, विवेक और विघ्नों से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। खास बात यह है कि 24 दिसंबर को वर्ष 2025 की अंतिम विनायक चतुर्थी मनाई जा रही है, ऐसे में श्रद्धालुओं के लिए यह दिन और भी फलदायी माना जा रहा है। पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि का समापन आज दोपहर बाद होगा, जिसके पश्चात पंचमी तिथि का आरंभ होगा। दिनभर पूजा-पाठ, व्रत और शुभ कार्यों के लिए विशेष योग बन रहे हैं, वहीं कुछ समय अशुभ मुहूर्त से बचने की भी सलाह दी गई है।आज का पंचांग (24 दिसंबर 2025)
- तिथि: शुक्ल चतुर्थी (दोपहर 01:11 बजे तक), तत्पश्चात पंचमी
- मास: पौष
- पक्ष: शुक्ल
- वार: बुधवार
- ऋतु: हेमंत
- दिशा मूल: उत्तर
- शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
- विक्रम संवत: 2082
करण
- विष्टि: दोपहर 01:13 बजे तक
- बव: 25 दिसंबर को 01:42 बजे तक
योग
- हर्षण: सूर्योदय से शाम 04:01 बजे तक
- वज्र: शाम 04:01 बजे से 25 दिसंबर सुबह 03:13 बजे तक
रवि योग: सुबह 07:07 से
सूर्य एवं चंद्र समय
- सूर्योदय: सुबह 07:11
- सूर्यास्त: शाम 05:30
- चन्द्रोदय: सुबह 10:16
- चन्द्रास्त: रात 09:26
आज के शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:22 से 06:16
- प्रातः सन्ध्या: सुबह 05:49 से 07:11
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:04 से 02:45
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:28 से 05:55
- सायाह्न सन्ध्या: शाम 05:30 से 06:53
- अमृत काल: रात 09:23 से 11:04
- निशिता मुहूर्त: रात 11:54 से 12:48
आज के अशुभ मुहूर्त
- दुष्टमुहूर्त / कुलिक: 11:59 से 12:41
- कंटक: 04:07 से 04:48
- राहुकाल: 12:20 से 01:37
- कालवेला / अर्द्धयाम: 07:52 से 08:33
- यमघण्ट: 09:14 से 09:55
- यमगण्ड: 08:28 से 09:45
- गुलिक काल: 11:03 से 12:20
विशेष: आज वरद विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा, मोदक अर्पण और व्रत रखने से कार्यों में सफलता और घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।
