Aaj ka Panchang आज का पंचांग : 19 दिसंबर 2025 (शुक्रवार) पौष कृष्ण अमावस्या | हेमंत ऋतु | दक्षिणायन

आज शुक्रवार, 19 दिसंबर 2025 को पौष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। धार्मिक दृष्टि से अमावस्या का दिन पितृ तर्पण, दान-पुण्य और साधना के लिए विशेष महत्व रखता है। आज नक्षत्र, योग और करण के संयोग कई कार्यों के लिए सावधानी और शुभ मुहूर्त के चयन का संकेत देते हैं। आइए जानते हैं आज के दिन का विस्तृत पंचांग।


 तिथि, नक्षत्र, योग व करण

  • तिथि: कृष्ण अमावस्या (पूरे दिन)
  • नक्षत्र: ज्येष्ठा – रात 10:51 बजे तक, इसके बाद मूल नक्षत्र
  • योग: शूल – दोपहर 3:47 बजे तक
  • करण:
    • चतुष्पाद – शाम 6:07 बजे तक
    • नाग – इसके बाद पूरे दिन

 सूर्य व चंद्र से संबंधित जानकारी

  • सूर्योदय: सुबह 7:09 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 5:28 बजे
  • चंद्रोदय: अमावस्या के कारण नहीं होगा
  • चंद्रास्त: दोपहर 4:40 बजे
  • दिन की अवधि: 10 घंटे 19 मिनट 17 सेकंड
  • रात्रि की अवधि: 13 घंटे 41 मिनट 14 सेकंड

 चंद्रमा की स्थिति

  • राशि: वृश्चिक – रात 10:51 बजे तक
  • इसके बाद धनु राशि में प्रवेश

 संवत एवं मास विवरण

  • विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
  • शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
  • गुजराती संवत: 2082 (पिंगल)
  • चंद्र मास:
    • पूर्णिमांत – पौष
    • अमांत – मार्गशीर्ष
  • प्रविष्टे/गते: 4

 ऋतु और अयन

  • ऋतु: हेमंत (द्रिक एवं वैदिक)
  • अयन: दक्षिणायन

 आज के शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:19 से 6:14 बजे तक
  • प्रातः संध्या: सुबह 5:47 से 7:09 बजे तक
  • अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:58 से दोपहर 12:39 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 2:02 से 2:43 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:25 से 5:53 बजे तक
  • सायाह्न संध्या: शाम 5:28 से 6:50 बजे तक
  • अमृत काल: दोपहर 1:03 से 2:50 बजे तक
  • निशिता मुहूर्त: रात 11:51 से 20 दिसंबर सुबह 12:46 बजे तक

 आज के अशुभ समय

  • राहुकाल: सुबह 11:01 से दोपहर 12:18 बजे तक
  • यमगण्ड: दोपहर 2:53 से 4:11 बजे तक
  • गुलिक काल: सुबह 8:26 से 9:43 बजे तक
  • दुर्मुहूर्त: सुबह 9:13 से 9:54 बजे तक
  • आडल योग: सुबह 7:09 से रात 10:51 बजे तक
  • गंड मूल: पूरे दिन
  • विंछुड़ो: सुबह 7:09 से रात 10:51 बजे तक
  • बाण: रज – 20 दिसंबर सुबह 2:45 बजे से पूरी रात

 अन्य ज्योतिषीय संकेत

  • दिशा शूल: पश्चिम दिशा (पश्चिम की यात्रा से बचें)
  • अग्निवास: आकाश में
  • नक्षत्र शूल: रात 10:51 बजे तक पूर्व दिशा में
  • चंद्र वास:
    • रात 10:51 बजे तक उत्तर में
    • इसके बाद पूर्व में
  • शिववास: गौरी के साथ
  • आनंदादि योग: चर – रात 10:51 बजे तक, फिर स्थिर

नोट: अमावस्या के दिन दान, पितृ तर्पण, जप और ध्यान शुभ माने जाते हैं। नए कार्यों की शुरुआत शुभ मुहूर्त में ही करें और अशुभ समय में महत्वपूर्ण कार्यों से परहेज करें।


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