धार्मिक-ज्योतिषीय दृष्टि से आज का दिन विशेष महत्व रखता है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि, शुभ रवि योग और सिद्धि योग का संयोग आज के दिन को धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के लिए अनुकूल बनाता है। हालांकि पंचक और कुछ अशुभ कालों के कारण सावधानी आवश्यक है। आइए जानते हैं आज के दिन का संपूर्ण पंचांग—
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तिथि: शुक्ल षष्ठी – दोपहर 1:43 बजे तक
इसके बाद शुक्ल सप्तमी -
नक्षत्र: शतभिषा – सुबह 9:00 बजे तक
इसके बाद पूर्व भाद्रपद -
योग: सिद्धि योग – दोपहर 2:01 बजे तक
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करण: तैतिल – दोपहर 1:43 बजे तक
इसके बाद गर करण (27 दिसंबर रात 1:31 बजे तक) -
चंद्रमा की स्थिति: कुंभ राशि में – 27 दिसंबर सुबह 3:10 बजे तक इसके बाद मीन राशि में प्रवेश
सूर्य और चंद्रमा का समय
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सूर्योदय: सुबह 7:12 बजे
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सूर्यास्त: शाम 5:32 बजे
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चंद्रोदय: सुबह 11:19 बजे
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चंद्रास्त: रात 11:24 बजे
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दिन की अवधि: 10 घंटे 19 मिनट 37 सेकंड
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रात की अवधि: 13 घंटे 40 मिनट 45 सेकंड
संवत और मास
- विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
- शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
- गुजराती संवत: 2082 (पिंगल)
- चंद्र मास: पौष (पूर्णिमांत एवं अमान्त)
- प्रविष्टे/गते: 11
ऋतु और अयन
- द्रिक ऋतु: शिशिर
- वैदिक ऋतु: हेमंत
- द्रिक अयन: उत्तरायण
- वैदिक अयन: दक्षिणायन
आज के शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:23 से 6:17
- प्रातः संध्या: सुबह 5:50 से 7:12
- अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:01 से 12:42
- विजय मुहूर्त: दोपहर 2:05 से 2:46
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:29 से 5:56
- सायाह्न संध्या: शाम 5:32 से 6:54
- अमृत काल: 27 दिसंबर रात 1:06 से 2:43
- निशिता मुहूर्त: रात 11:55 से 12:49
- रवि योग: सुबह 7:12 से 9:00 (अत्यंत शुभ)
आज के अशुभ काल
- राहुकाल: सुबह 11:04 से 12:22
- यमगण्ड: दोपहर 2:57 से 4:14
- गुलिक काल: सुबह 8:29 से 9:47
- आडल योग: सुबह 7:12 से 9:00
- दुर्मुहूर्त: सुबह 9:16 से 9:57
- वर्ज्य: दोपहर 3:27 से 5:03
- बाण: मृत्यु – रात 11:39 तक, इसके बाद अग्नि
- पंचक: पूरे दिन
आनंदादि योग
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आनंदादि योग:
सौम्य – सुबह 9:00 तक, फिर ध्वांक्ष
निवास, वास और शूल
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होमाहुति: बुध को – सुबह 9:00 तक, फिर शुक्र को
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दिशा शूल: पश्चिम दिशा – पश्चिम की यात्रा टालें
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अग्निवास: दोपहर 1:43 तक आकाश में, फिर पाताल में
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चंद्रवास: 27 दिसंबर सुबह 3:10 तक पश्चिम में, फिर उत्तर में
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शिववास: दोपहर 1:43 तक नंदी पर
आज रवि योग और सिद्धि योग के कारण पूजा-पाठ, दान-पुण्य और आध्यात्मिक साधना के लिए दिन उत्तम है, लेकिन पंचक और राहुकाल में शुभ कार्यों से बचना हितकर रहेगा।
