अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी ने फहराया भगवा ध्वज, मंदिर निर्माण औपचारिक रूप से पूरा

 अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को वैदिक मंत्रोच्चार और “जय श्री राम” के उद्घोष के बीच श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराया। विवाह पंचमी के शुभ अभिजीत मुहूर्त में हुए इस अनुष्ठान के साथ भव्य राम मंदिर का निर्माण औपचारिक रूप से पूर्ण घोषित कर दिया गया।

ध्वजारोहण के दौरान प्रधानमंत्री ने मंदिर की परंपरागत उत्तर भारतीय नागर शैली में निर्मित शिखर पर त्रिकोणीय भगवा ध्वज आरोहित किया। इस ध्वज पर भगवान श्रीराम की तेजस्विता का प्रतीक सूर्य, कोविदार वृक्ष और ‘ॐ’ का अंकन किया गया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह ध्वज रामराज्य के आदर्शों, गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देता है।

मंदिर परिसर की भव्यता भी इस अवसर पर विशेष आकर्षण का केंद्र रही। मुख्य मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण पर आधारित भगवान राम के जीवन के 87 प्रसंग पत्थरों पर खूबसूरती से उकेरे गए हैं, जबकि परकोटे की दीवारों पर भारतीय संस्कृति से जुड़े 79 कांस्य प्रसंग अंकित हैं। दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित करीब 800 मीटर लंबा यह परकोटा मंदिर की शिल्प विविधता का उत्कृष्ट उदाहरण है।

ध्वजारोहण कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। इससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने सप्त मंदिरों में दर्शन-पूजन किया तथा महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुह और माता शबरी मंदिर में मत्था टेका। उन्होंने मां अन्नपूर्णा तथा रामलला विराजमान के भी दर्शन किए।

अयोध्या पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा“श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण उत्सव में हिस्सा लेने के लिए अयोध्या पहुंचा।”

ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अयोध्या सदियों से मर्यादा की भूमि रही है और अब यह विकसित भारत के मेरुदंड के रूप में सामने आ रही है। उन्होंने कहा, “भविष्य की अयोध्या में पौराणिकता और आधुनिकता का अद्भुत संगम दिखेगा। सरयू की अमृत धारा और विकास की धारा एक साथ प्रवाहित होंगी।”

प्रधानमंत्री ने बताया कि अयोध्या में विकास की कई योजनाएँ तेजी से आगे बढ़ रही हैं। भव्य हवाई अड्डा, आधुनिक रेल स्टेशन और वंदे भारत व अमृत भारत जैसी ट्रेनों ने इस नगर को देशभर से जोड़ा है। राम पथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ नई अयोध्या की बदलती तस्वीर का प्रतीक बन चुके हैं।

उन्होंने कहा कि जनवरी 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में दर्शन कर चुके हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में बड़ा परिवर्तन आया है। प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में अयोध्या की उपेक्षा का उल्लेख करते हुए कहा कि कभी विकास में पिछड़ी यह नगरी आज उत्तर प्रदेश के अग्रणी शहरों में शामिल हो रही है।

देश की अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 11वीं से उठकर अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा और इस यात्रा में भगवान राम के आदर्श मार्गदर्शक बने रहेंगे।


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