आज का पंचांग – 5 नवंबर 2025 (बुधवार)

आज का दिन हिंदू पंचांग के अनुसार अत्यंत शुभ और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। कार्तिक पूर्णिमा का यह पावन पर्व न केवल स्नान, दान और दीपदान के लिए शुभ माना गया है, बल्कि आज देव दीपावली, गुरु नानक जयंती, भीष्म पंचक समाप्ति, और त्रिपुरोत्सव जैसे अनेक व्रत एवं पर्व एक साथ मनाए जा रहे हैं। धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।


तिथि, नक्षत्र और योग

  • तिथि: शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि, जो शाम 06:48 बजे तक प्रभावी रहेगी। इसके बाद प्रतिपदा तिथि का आरंभ होगा।
  • नक्षत्र: अश्विनी नक्षत्र सुबह 09:41 बजे तक, तत्पश्चात भरणी नक्षत्र रहेगा।
  • करण: विष्टि करण सुबह 08:45 बजे तक, उसके बाद बव करण
  • योग: सिद्धि योग प्रातः 11:28 बजे तक प्रभावी रहेगा।
  • वार: बुधवार

सूर्य और चंद्र संबंधी जानकारी

  • सूर्योदय: प्रातः 06:35:38 बजे
  • सूर्यास्त: सायं 17:33:28 बजे
  • चंद्रोदय: सायं 17:11:00 बजे
  • चंद्रास्त: अगले दिन प्रातः
  • चंद्र राशि: मेष
  • वर्तमान ऋतु: हेमंत
  • सूर्य स्थिति: दक्षिणायन एवं दक्षिण गोल

धार्मिक महत्व

कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं की दीपावली के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि आज के दिन भगवान विष्णु ने त्रिपुरासुर का वध कर देवताओं को दैत्यों के आतंक से मुक्त कराया था। इसी कारण यह दिन त्रिपुरोत्सव के नाम से भी प्रसिद्ध है।
साथ ही आज श्री गुरु नानक देव जी की जयंती भी मनाई जा रही है। उनके उपदेश आज भी मानवता, समानता और प्रेम का संदेश देते हैं।


अशुभ मुहूर्त

  • दुष्टमुहूर्त: 11:42:37 से 12:26:28 तक
  • राहुकाल: 12:04:33 से 13:26:46 तक
  • यमगण्ड: 08:47:12 से 09:31:03 तक
  • गुलिक काल: 10:42 ए एम से 12:04 पी एम तक
  • आडल योग: 09:40 ए एम से 06:34 ए एम (6 नवम्बर)
  • भद्रा: प्रातः 06:36 से 08:44 बजे तक

शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त: आज नहीं रहेगा
  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:52 ए एम – 05:44 ए एम
  • प्रातः सन्ध्या: 05:18 ए एम – 06:36 ए एम
  • विजय मुहूर्त: 01:54 पी एम – 02:38 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त: 05:33 पी एम – 05:59 पी एम

आज के प्रमुख पर्व

  • कार्तिक पूर्णिमा
  • देव दीपावली
  • श्री गुरु नानक देव जयंती
  • भीष्म पंचक समाप्ति
  • कार्तिक स्नान समाप्ति
  • त्रिपुरोत्सव

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