जमीयत उलेमा हापुड़ के पूर्व अध्यक्ष मौलाना फ़ख़रुद्दीन क़ासमी का निधन, जनाज़े में उमड़ी भारी भीड़

 पूरा शहर शोक में डूबा, अल्लाह तआला से मग़फिरत की दुआएं

हापुड़ से आबिद हुसैन जर्नलिस्ट की रिपोर्ट

हापुड़। कल सूरज के ढलते ही हापुड़ शहर एक गहरे सन्नाटे में डूब गया। जमीयत उलेमा ज़िला हापुड़ के पूर्व अध्यक्ष और शेख-उल-जामी हज़रत आयशा सिद्दीका मजीदपुरा हापुड़ के प्रमुख धर्मगुरु मौलाना फ़ख़रुद्दीन क़ासमी (इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिउन) का निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही पूरा जिला शोक में डूब गया और क्षेत्र में मातम का माहौल छा गया।

परिवार के अनुसार मौलाना क़ासमी पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके छोटे बेटे क़ारी बदरुद्दीन ने बताया कि रमज़ान के बाद से ही मौलाना को भूख न लगने की शिकायत थी और उन्होंने धीरे-धीरे खाना-पीना लगभग बंद कर दिया था। हल्की दवा चल रही थी, लेकिन कुछ दिन पहले तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें मेरठ और फिर हापुड़ के सरस्वती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

करीब 80 वर्ष की आयु में मौलाना फ़ख़रुद्दीन क़ासमी ने इस नश्वर संसार को अलविदा कह दिया। वे अपने पीछे दो पुत्र और एक पुत्री सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। अपने जीवनकाल में उन्होंने धर्म, शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया। वे अपनी सादगी, नेकदिली और धार्मिकता के लिए प्रसिद्ध थे।

उनकी जनाज़े की नमाज़ हापुड़ के विशाल ईदगाह में जमीयत उलेमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और जामिया मस्जिद अमरोहा के शेख मौलाना मुफ़्ती सैयद मुहम्मद अफ्फान मंसूरपुरी क़ासमी ने अदा कराई। जनाज़े में जिलेभर से धर्मगुरु, मदरसों के इमाम, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में मुफ़्ती अब्दुल क़दीम क़ासमी (जामिया अरबिया खादिम-उल-इस्लाम), मुफ़्ती मुहम्मद फ़राहिम (अध्यक्ष, जमीयत उलेमा ज़िला हापुड़), मौलाना अलाउद्दीन क़ासमी (ज़िला महासचिव), मुफ़्ती मकसूद आलम क़ासमी (इमाम, शहर ईदगाह हापुड़) समेत जमीयत उलेमा की सभी इकाइयों के जिम्मेदार शामिल रहे।

मौलाना के निधन पर धर्म और समाज के क्षेत्र से जुड़े अनेक लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया और अल्लाह तआला से उनकी मग़फिरत तथा परिजनों को सब्र प्रदान करने की दुआ की।


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