आबिद हुसैन जर्नलिस्ट
हापुड़। जामिया आयशा सिद्दीका के संस्थापक एवं संरक्षक मौलाना फखरुद्दीन कासमी के दुखद निधन पर कल मोहल्ला कोटला मेवातियान स्थित एक मीनार मस्जिद में एक शोक सभा आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता जामिया अरबिया खादिम-उल-इस्लाम हापुड में उस्ताद ए हदीस व जमियत उलेमा हापुड़ के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती गुलाम नबी कासमी ने की ।
बैठक का संचालन मौलाना फखरुद्दीन कासमी के पोते मुफ्ती अब्दुल खालिक ने किया. सबसे पहले जामिया अरबिया खादिम-उल-इस्लाम में किरात के शिक्षक कारी मुहम्मद इमरान कासमी द्वारा कुरान की तिलावत की गई। जामिया के छात्र मुहम्मद साजिद सलमान द्वारा नात और मर्सिया पेश किया गया। जामिया के शिक्षक कारी मुहम्मद आसिम ने स्वर्गीय मौलाना फ़ख़रुद्दीन के जीवन और सेवाओं पर विस्तृत प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि हज़रत ने एक विशेष जीवन जिया और अपने गुणों और श्रेष्ठताओं के माध्यम से एक उच्च स्थान प्राप्त किया और जमियत उलेमा के विद्वानों के संदेश को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाया। उन्होंने कहा कि मौलाना फ़ख़रुद्दीन के जाने से हम सभी अनाथ हो गए हैं। हज़रत की सेवाओं को हमेशा याद रखा जाएगा और हज़रत ने जो मिशन आगे बढ़ाया था उसे आगे बढ़ाया जाएगा। कार्यक्रम में भाग लेने वालों मे खासतौर पर कारी मुहम्मद कामिल, मौलाना मुहम्मद अहमद, मौलाना आरिफ, मौलाना फखरुद्दीन कासमी के पुत्र मौलाना बदरुद्दीन, जामिया आयशा सिद्दीका लिलबनात हापुड़ के प्रमुख शरीक रहे।