किसान सेना की पदयात्रा रंग लाई, गन्ना मूल्यवृद्धि से किसानों में खुशी की लहर

राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अवनीत पवार की गंगाजल यात्रा पर केंद्र व राज्य सरकार ने लिया संज्ञान, किसानों ने मिठाई बांटकर जताया आभार

आबिद हुसैन,हापुड़ / हरिद्वार। किसानों की हक की लड़ाई लड़ने वाली किसान सेना की "गंगाजल यात्रा" आखिरकार रंग लाई। किसान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अवनीत पवार के नेतृत्व में 17 सितंबर को हरिद्वार से शुरू हुई यह यात्रा किसानों के हक में एक ऐतिहासिक कदम साबित हुई। यात्रा का उद्देश्य किसानों की समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार तक गंगाजल के माध्यम से संदेश पहुंचाना था।

हरिद्वार से यात्रा का शुभारंभ शांतिपूर्ण और अनुशासित ढंग से हुआ, जहां स्थानीय प्रशासन ने पूरा सहयोग दिया। लेकिन जैसे ही यात्रा उत्तर प्रदेश की सीमा में पहुंची, प्रशासनिक अड़चनें शुरू हो गईं। जगह-जगह किसानों को रोका गया और 24 सितंबर को गाजियाबाद में किसानों को छह घंटे तक सिविल लाइन थाने में रोके रखा गया। इस दौरान चौधरी अवनीत पवार और उनके साथियों को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करने की भी कोशिश की गई, फिर भी किसानों का हौसला डिगा नहीं।

कृषि मंत्री ने दिया था आश्वासन : गाजियाबाद प्रशासन द्वारा रोके जाने के बाद किसानों को कृषि मंत्री की ओर से आश्वासन मिला कि उनकी मांगों पर जल्द विचार किया जाएगा। यद्यपि बाद में कुछ किसानों और पदाधिकारियों को 26 सितंबर को विभिन्न जिलों में हाउस अरेस्ट भी किया गया, फिर भी किसान सेना ने अपने संघर्ष से पीछे हटने से इनकार कर दिया।

किसानों के संघर्ष का मिला फल : अंततः किसान सेना की यह शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त पदयात्रा सरकार तक अपनी बात पहुंचाने में सफल रही। केंद्र और राज्य सरकार ने किसानों की मांग को गंभीरता से लेते हुए गन्ना मूल्य में वृद्धि की घोषणा की है। यह निर्णय किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जिससे पूरे प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ गई है।

किसान सेना का आभार प्रदर्शन : किसान सेना के राष्ट्रीय संगठन प्रभारी मोहम्मद शमी ने कहा कि, "हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अवनीत पवार जी की मेहनत आखिरकार रंग लाई है। किसानों की आवाज़ को सरकार ने सुना है। गन्ना मूल्यवृद्धि किसानों के जीवन में नई उम्मीद लेकर आई है। हम केंद्र और राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हैं और सभी किसानों से अपील करते हैं कि मिठाई बांटकर इस खुशी को साझा करें।"उन्होंने यह भी कहा कि किसान सेना आगे भी किसानों के हितों के लिए शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष जारी रखेगी।

किसान सेना की गंगाजल यात्रा इस बात का प्रतीक है कि यदि संघर्ष सत्य और समर्पण के साथ किया जाए, तो सरकार को भी झुकना पड़ता है। किसानों के अधिकारों की इस ऐतिहासिक जीत ने पूरे देश में एक नई प्रेरणा दी है।

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