मैथिली ठाकुर का भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए युवा और सांस्कृतिक मतदाताओं को आकर्षित करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उन्हें दरभंगा जिले के अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाए जाने पर विचार चल रहा है, हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है।
सदस्यता ग्रहण करने के बाद मैथिली ठाकुर ने कहा,“मैं हमेशा संगीत और संस्कृति के माध्यम से बिहार के लोगों से जुड़ी रही हूं। अब मैं सार्वजनिक जीवन के माध्यम से समाज की सेवा करना चाहती हूं।”
उनकी यह टिप्पणी भाजपा के उस प्रयास के अनुरूप मानी जा रही है, जिसमें पार्टी बिहार में सांस्कृतिक पहचान और लोक परंपरा से जुड़े चेहरों को अपने साथ जोड़कर जनसंपर्क का दायरा बढ़ाना चाहती है। भाजपा नेताओं का मानना है कि मैथिली ठाकुर जैसे लोकप्रिय और युवा कलाकार का जुड़ना पार्टी के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और लोक जुड़ाव अभियान को नई ऊर्जा देगा।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, मैथिली ठाकुर का भाजपा में प्रवेश मिथिला क्षेत्र में पार्टी के प्रभाव को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह वही इलाका है जहां पारंपरिक रूप से भाजपा और उसके सहयोगियों को मजबूत समर्थन मिला है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में राजनीतिक समीकरणों में हल्का बदलाव देखा गया है।
मैथिली ठाकुर ने लोक संगीत, भक्ति गीतों और शास्त्रीय गायन के माध्यम से देशभर में पहचान बनाई है। उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाखों प्रशंसक हैं, जो युवा मतदाताओं में उनकी लोकप्रियता को दर्शाते हैं। पार्टी को उम्मीद है कि उनकी यह पहचान चुनावी माहौल में भाजपा के लिए सकारात्मक माहौल तैयार करेगी।
राजनीतिक जानकारों का यह भी मानना है कि सांस्कृतिक और सोशल मीडिया की लोकप्रियता को राजनीतिक समर्थन में बदलना भाजपा की नई चुनावी रणनीति का हिस्सा है, और मैथिली ठाकुर का नाम इस प्रयोग का अहम चेहरा बन सकता है।
फिलहाल, भाजपा ने उम्मीदवारों की औपचारिक सूची जारी नहीं की है, लेकिन मैथिली ठाकुर की एंट्री से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। दरभंगा और आसपास के जिलों में समर्थक इसे “मिथिला की बेटी की राजनीति में वापसी” के रूप में देख रहे हैं।