श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप है मां महागौरी को अत्यंत श्वेतवर्णा, शांत और करुणामयी देवी माना गया है। उनके शरीर का रंग हिम के समान उज्ज्वल है, इसलिए उन्हें “महागौरी” कहा गया है। भक्तों के सभी पापों का नाश कर, उन्हें पवित्र और शांत जीवन प्रदान करती हैं।

श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

जो देवी सफेद वृषभ (बैल) पर आरूढ़ हैं, जिन्होंने सफेद वस्त्र धारण किया है और जो अत्यंत पवित्र एवं शांत हैं, वे मां महागौरी अपने भक्तों को शुभ फल प्रदान करती हैं। वह स्वयं महादेव (शिवजी) को प्रसन्न करने वाली हैं और भक्तों को सुख, शांति और मोक्ष प्रदान करती हैं।

मां महागौरी की पूजा से मन, वचन और कर्म की शुद्धि होती है। जो साधक भक्ति और संयम से इनकी उपासना करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।यह दिन कन्या पूजन और आश्तमी हवन का भी अत्यंत शुभ माना जाता है।

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