नालों की गंदगी से सड़कों पर कीचड़ का अंबार
आबिद हुसैन, हापुड़। जनपद हापुड़ में रविवार रात्रि शुरू हुई बारिश ने नगरपालिका की पोल खोल कर रख दी है। रविवार रात्रि करीब 12 बजे आई मानसून की पहली बारिश में शहर जलमग्न हो गया। मौसम विभाग की माने तो शहर में 11 मिमी बारिश दर्ज की गई। शहर में कोई सड़क कोई एरिया ऐसा नहीं बचा जहां जलभराव ना हुआ हो। जलभराव का आलम यह था कि पानी निकासी की व्यवस्था ना होने के चलते शहर के मुख्य मार्गो पर कई कई घंटे जलभराव बना रहा। शहर वासियों को दूषित पानी से निकालकर अपने अपने काम निपटाने के लिए जाना पड़ा।
बता दें नगर पालिका हर साल करोड़ों रुपये सीवर और नालों की सफाई पर खर्च दिखाती है। लेकिन पहली ही बारिश में सड़कों पर पानी भर गया। जलभराव से लोगों के घरों और दुकानों में पानी घुस गया। नगर पालिका ईओ संजय मिश्र का कहना है कि नालों की सफाई कराई गई थी। भारी बारिश और कचरे के कारण जलभराव हुआ है। जलभराव से शहर का न्यायालय परिसर को जाने वाले रास्ता भी अछूता नहीं रहा। जहां जलभराव से कचहरी परिसर साइड में डिवाइडर तक पानी घूमने लगा। जिस कारण परिसर साइड बने नाले की गंदगी सड़क पर आ गई। जिस कारण वहां के निवासियों को आवागमन में कठिनाई उठानी पड़ी।
बताते चलें कि हापुड़ की फ्री गंज रोड पर करीब 12 साल पहले नगरपालिका परिषद द्वारा लाखों रुपए से नाले का निर्माण कराया गया था। परंतु कचहरी परिसर के नजदीक एक अस्पताल एक बैंक एवं कचहरी परिसर के मुख्य मार्ग पर नाले को आरसीसी से कवर कर दिया गया। जिस कारण नाले के पानी की निकासी बाधित है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस मामले में दर्जनों बार शिकायत दर्ज कराई गई है। परंतु सभी शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हुई। फ्री गंज रोड निवासी मांगेराम शर्मा ने बताया कि उक्त मार्ग पर जलभराव की समस्या वर्षों पुरानी है। कितने ही जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, आए गए, सभी को शिकायत से अवगत कराया लेकिन समाधान वही ढाक के तीन पात। वहीं नगर पालिका परिषद के भी तीन अध्यक्ष अदल बदल गए, सभी ने आश्वाशन के अलावा कुछ नहीं किया। स्थिति ऐसी है कि कुछ मिनटों की बरसात में ही सड़क जलमग्न हो जाती है, और कई कई घंटे तक जलभराव कम नहीं होता है।
उन्होंने बताया कि श्रावण मास शुरू होते ही इस मार्ग से लाखों की संख्या में शिवभक्तों का आना शुरू हो जाएगा। उनके द्वारा भी शिवभक्तों के लिए एक शिविर लगाया जाता है। लेकिन इस गंदगी को देखते हुए शिव भक्तों की व्यवस्था करने में भी समस्या उत्पन्न हो जाएगी।
स्थानीय निवासियों के मुताबिक तीन दिन पूर्व भी एक शिकायती पत्र स्थानांतरण होकर आए जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय को दिया गया है। परंतु लगता है कि यह शिकायती पत्र भी पूर्व की तरह रद्दी की टोकरी के हवाले हो गया है।