विनोद कुमार झा
जितिया व्रत, जो मां की ममता और संतान की लंबी उम्र के लिए किया जाता है, इस वर्ष 23 सितम्बर 2024 से नहाय-खाय के साथ आज से शुरू। इस व्रत का विशेष महत्व है, और इसे लेकर माताओं में खास उत्साह होता है।
नहाय-खाय (23 सितम्बर 2024)
नहाय-खाय के दिन माताएं अपने पितरों को श्रद्धांजलि स्वरूप सरसों का तेल और खैर चढ़ाएं। इसके साथ ही पितरों के नाम पर सुहागिन महिलाओं को भोजन कराएं। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद रात्रि 3:50 से 4:13 बजे तक ओठगन विधि संपन्न की जाएगी।
अष्टमी तिथि का प्रवेश
24 सितम्बर 2024 को तड़के सुबह 4:15 बजे से अष्टमी का प्रवेश होगा, जिसके साथ ही माताओं का निर्जला व्रत शुरू होगा। इस दिन माताएं संपूर्ण दिन-रात निराहार रहकर अपने बच्चों की सुख-समृद्धि और लंबी आयु के लिए प्रार्थना करेंगी।
पारण (25 सितम्बर 2024)
जितिया व्रत का पारण 25 सितम्बर 2024 को शाम 5:04 बजे के बाद किया जाएगा, जिसके साथ ही व्रत का समापन होगा।यह व्रत माताओं की अपने बच्चों के प्रति गहरी ममता और त्याग का प्रतीक है।
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