"चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥"
जिनके हाथों में चन्द्रमा के समान तेजस्वी तलवार शोभित है। जो शार्दूल (सिंह) पर सवार हैं। वे दानवों का संहार करने वाली कात्यायनी देवी साधकों को कल्याण, सौभाग्य और मंगलफल प्रदान करती हैं।
नवरात्रि के छठवें दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इन्हें अत्यंत तेजस्विनी और रूपवान देवी माना गया है। मां कात्यायनी का जन्म ऋषि कात्यायन के घर हुआ था, इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा।
इनकी उपासना से साधक को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अविवाहित कन्याएँ अच्छे वर की प्राप्ति हेतु मां कात्यायनी की आराधना करती हैं।
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