वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

 

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

जगद्धात्री माँ भगवती की उपासना के पावन पर्व 'शारदीय नवरात्रि' के प्रथम दिवस पर माँ शैलपुत्री से प्रार्थना है कि सभी के जीवन में संयम, साहस और संकल्प का बीज अंकुरित हो। माँ की कृपा से सुख, शांति और समृद्धि की किरणों से आलोकित हो।

जय माँ शैलपुत्री!

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