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मध्यप्रदेश के हृदय में स्थित, सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा पंचमढ़ी एक ऐसा अनूठा हिल स्टेशन है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। इसे "सतपुड़ा की रानी" के नाम से भी जाना जाता है, और यह मध्यप्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
प्राकृतिक सौंदर्य और मनमोहक दृश्य: पंचमढ़ी अपनी हरी-भरी वादियों, ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों, घने जंगलों और अनगिनत झरनों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की आबोहवा पूरे साल सुहावनी रहती है, जिससे यह हर मौसम में घूमने के लिए एक आदर्श स्थान बन जाता है। यहां के प्रमुख आकर्षणों में शामिल हैं:
धूपगढ़: सतपुड़ा पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी, जहां से सूर्यास्त का अद्भुत नजारा देखा जा सकता है। यह पचमढ़ी क्षेत्र में स्थित है और इसकी ऊंचाई 1,352 मीटर है। धूपगढ़, महादेव पहाड़ियों में स्थित मध्य प्रदेश की सातपुड़ा पर्वतमाला का सबसे ऊंचा स्थल है। इस पहाड़ी के शिखर से सूर्यास्त देखने के लिए यह एक प्रसिद्ध क्षेत्र है और पचमढ़ी हिल स्टेशन इसके शिखर के आस-पास स्थित है।
बी फॉल (जमुना प्रपात): एक खूबसूरत झरना जिसका पानी नीचे गिरते हुए मधुमक्खियों की तरह दिखाई देता है। यहां स्नान का आनंद लिया जा सकता है। यह एक आदर्श स्थल है जहाँ मित्रों और रिश्तेदारों के साथ पिकनिक का आनंद लिया जा सकता है। वहाँ कई अन्य दर्शनीय स्थल हैं जैसे महादेव, चौरागढ़ का मंदिर, रीछागढ़, डोरोथी डीप रॉक शेल्टर, जलावतरण, सुंदर कुंड, इरन ताल, धूपगढ़, और सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान।
अप्सरा विहार: एक शांत पूल के साथ एक और मनमोहक झरना।
सिल्वर फॉल (रजत प्रपात): एक ऊंचा और एकल-बूंद वाला झरना, जो अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है।
हांडी खोह: एक गहरा खाई, जो अपनी रहस्यमयी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां भगवान शिव ने एक बड़े सर्प रूपी राक्षस को चट्टान के नीचे दबाया था। स्थानीय लोग इसे अंधी खोह भी कहते हैं। जो इसके नाम को सार्थक बनाते हैं। यहां बनी रेलिंग प्लेटफ़ॉर्म से आप घाटी का दृश्य देख सकते हैं।
प्रियदर्शिनी प्वाइंट : इस बिंदु पर से सूर्यास्त का दृश्य बहुत ही लुभावना लगता है। तीन पहाड़ी शिखर बाईं तरफ चौरादेव, बीच में महादेव तथा दाईं ओर धूपगढ़ दिखाई देते हैं। धूपगढ़ यहां की सबसे ऊंची चोटी है।
ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व: पंचमढ़ी का इतिहास और पौराणिक महत्व भी काफी समृद्ध है। माना जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास का कुछ समय यहां बिताया था। यहां की कुछ प्रमुख ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं:
पांडव गुफाएं: बलुआ पत्थर से बनी पांच प्राचीन गुफाओं का समूह, जो पुरातात्विक महत्व रखती हैं।
जटाशंकर गुफा: एक पवित्र गुफा जहां प्राकृतिक शिवलिंग बना हुआ है। इसके ऊपर एक विशाल शिलाखंड बिना किसी सहारे के झूलता हुआ दिखाई देता है।
चौरागढ़ मंदिर: एक पहाड़ी पर स्थित भगवान शिव का मंदिर, जहां शिवरात्रि के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। चौरागढ़ मंदिर, पचमढ़ी में सबसे मांगी जाने वाली मंदिरों में से एक है। जो 4000 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह चौरागढ़ की दूसरी सबसे ऊंची चोटी पर स्थित है। चौरागढ़ मंदिर विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है और महाशिवरात्रि का वार्षिक मेला यहाँ आयोजित किया जाता है।चौरागढ़ मंदिर तक पहुंचने के लिए यहाँ का ट्रेक एक लोकप्रिय विकल्प है। जिसमें गहरी खाइयाँ, ऊबड़-खाबड़ पहाड़, हरे-भरे जंगल और बहते झरने शामिल हैं। अधिकांश भक्त मंदिर तक पहुंचते समय एक त्रिशूल लेकर जाते हैं और मंदिर के सामने एक विशाल क्षेत्र है जिसमें त्रिशूल रखे हुए हैं। पहाड़ की चोटी पर चौरागढ़ मंदिर सतपुड़ा जंगल के घने भंडार का आलोक प्रदर्शित करता है।
वन्यजीव और एडवेंचर: पंचमढ़ी सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का भी एक हिस्सा है, जो विविध वन्यजीवों का घर है। यहां तेंदुए, भारतीय बाइसन (गौर) और अन्य कई प्रजातियों को देखा जा सकता है। प्रकृति प्रेमी और एडवेंचर के शौकीन यहां ट्रैकिंग, हाइकिंग और जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं।
कैसे पहुंचें: पंचमढ़ी हवाई, रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा भोपाल का राजा भोज हवाई अड्डा है।
रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन पिपरिया है, जो पंचमढ़ी से लगभग 52 किलोमीटर दूर है।
सड़क मार्ग: मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों से पंचमढ़ी के लिए बसें और टैक्सियाँ आसानी से उपलब्ध हैं।
पंचमढ़ी एक ऐसा पर्यटन स्थल है जो प्रकृति प्रेमियों, इतिहास के शौकीनों और शांति की तलाश करने वालों के लिए एक आदर्श गंतव्य है। इसकी मनमोहक सुंदरता और शांत वातावरण हर आगंतुक को मंत्रमुग्ध कर देता है।