बीएसए आफिस में चल रहा था भ्रष्टाचार का नंगा नांच, दो रिश्वतखोर गिरफ्तार

 इस भयावह नजारे के बाद कार्यालय में छाई मुर्दांगी

आबिद हुसैन खबर मार्निंग

हापुड़। बीएसए कार्यालय में भ्रष्टाचार का कितना अधिक बोलबाला है इसका जीता-जागता नजारा मंगलवार की दोपहर देखने को मिला जब एंटी करप्शन मेरठ की टीम ने थाना हाफिजपुर क्षेत्र की चितौली रोड पर स्थित बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से एक बाबू तथा एक संविदाकर्मी को हजारों रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया, इससे पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। 

रिश्वतखोरों को पकड़ने के लिए एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया था, जिसमें दोनों आसानी से फंस गए। रिश्वतखोरों को पकड़ने के बाद टीम उन्हें देहात थाने ले गई। मामले की जांच अभी जारी है। फिलहाल बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। 

सूत्रों के हवाले से पता चला है कि पिछले काफी समय से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कार्यालय रिश्वतखोरी का अड्डा बन गया था, जहां पर कर्मचारियों को प्रताड़ित कर उनसे भी रुपए मांगे जा रहे थे। यदि रिश्वतखोरों से सख्ती से पूछताछ की जाए तो कई बड़े अधिकारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं। 

मामला मंगलवार की दोपहर का है जब बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अचानक मेरठ से विजिलेंस विभाग की टीम के बिछे जाल में दो रिश्वतखोर फंस गए। एक रिश्वतखोर दीपेंद्र है जो कि बाबू है तथा दूसरा रिश्वतखोर संविदाकर्मी निखिल शर्मा है। रिश्वतखोरों को गिरफ्तार कर लिया गया है जिनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेजने की तैयारी है। दोनों लोगों ने सुकुमार नामक व्यक्ति से स्कूल को मान्यता दिलाने के नाम पर 70 हजार रुपए की मांग की थी। साथ ही पीड़ित कई दिनों से इनके आगे-पीछे चक्कर काट रहा था। इन दोनों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए एंटी करप्शन के कार्यालय पहुँच गया।   

मामला स्कूल के नवीनीकरण से जुड़ा हुआ है। शिकायतकर्ता सुकुमार की शिकायत के बाद एंटी करप्शन की टीम ने दोनों आरोपियों को विभाग के माध्यम से दी गई 70.000 रुपए के साथ रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया था। एंटी करप्शन टीम द्वारा पूरी तैयारी के साथ बिछाए जाल में दोनों रिश्वतखोर आसानी के साथ फंस गए। उन्हें टीम ने चाय की एक दुकान से गिरफ्तार किया।

बीएसए मे फोन उठाना नहीं समझा मुनासिफ़   

एंटी करप्शन मेरठ की टीम की गिरफ्त में आए दो रिश्वतखोर के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पूरी तरह से मुर्दांगी छा गई। कोई भी कर्मचारी कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं था। जब किसी से मामले की जानकारी की जाती तो सभी एक-दूसरे का मुंह देखते नजर आते थे। इसके बाद फोन पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऋतू तोमर से बातचीत करने का प्रयास किया गया तो कई बार फोन करने के बाद भी उन्होने फोन रिसिव करना मुनासिफ़ नहीं समझा। जिससे साफ जाहिर होता है कि इस मामले के बाद से वह भी पूरे सदमे में हैं।

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