अपने हुए पराए...

 विनोद कुमार झा

एक पुरानी कहावत है घर की बात घर में ही रखना चाहिए किसी पराए के सामने उगलना नहीं चाहिए। यही कहावत यहां चरितार्थ हुआ है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा के हालिया इंटरव्यू में दिए गए बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। उनके विचारों से असहमति जताते हुए कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया कि यह उनके निजी विचार हैं और पार्टी उनसे सहमत नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी पित्रोदा के विचारों का समर्थन नहीं करती और उनकी टिप्पणी को कांग्रेस के आधिकारिक रुख के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

चीन भारत के लिए हमेशा से एक महत्वपूर्ण चुनौती रहा है, चाहे वह विदेश नीति, बाहरी सुरक्षा, या आर्थिक क्षेत्र हो। कांग्रेस पार्टी ने इस संदर्भ में मोदी सरकार की चीन नीति पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने विशेष रूप से लद्दाख में 2,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को वापस लेने के लिए उठाए गए कदमों पर सरकार से स्पष्टता मांगी है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहले दिए गए उस बयान पर भी सवाल उठाया है, जिसमें उन्होंने कहा था, "ना कोई हमारी सीमा में घुस आया है, ना ही कोई घुसा हुआ है।" कांग्रेस पार्टी का मानना है कि सरकार को इस मामले में पारदर्शिता दिखाते हुए देश को वास्तविक स्थिति से अवगत कराना चाहिए। पार्टी ने कहा कि देशवासियों को यह जानने का अधिकार है कि वास्तव में सीमा पर क्या स्थिति है और सरकार ने इसे लेकर क्या कदम उठाए हैं।

इसके अलावा, कांग्रेस ने मोदी सरकार द्वारा चीन के साथ संबंधों को सामान्य करने की घोषणा का संज्ञान लिया है। पार्टी चाहती है कि सरकार इस संबंध में उठाए गए कूटनीतिक और सामरिक कदमों पर स्पष्टीकरण दे ताकि देश की जनता को वास्तविक स्थिति की सही जानकारी मिल सके। कांग्रेस का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर किसी भी तरह की अस्पष्टता देश के लिए घातक हो सकती है, इसलिए सरकार को अपनी रणनीति स्पष्ट रूप से देश के सामने रखनी चाहिए।

कुल मिलाकर, कांग्रेस पार्टी ने सैम पित्रोदा के बयान से खुद को अलग कर लिया है और चीन के साथ भारत की वर्तमान स्थिति को लेकर सरकार से स्पष्टता की मांग की है। पार्टी का कहना है कि देश की सुरक्षा और सीमाओं से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों पर सरकार को अधिक पारदर्शिता और जिम्मेदारी दिखानी चाहिए।

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