सुनहरे सेब का जादुई पेड़: राजकुमार की साहसिक यात्रा

बहुत समय पहले की बात है, एक अद्वितीय राजा का भव्य महल था, जिसके बगीचे में अनगिनत रंग-बिरंगे फूल और स्वादिष्ट फलों के पेड़ थे। लेकिन इन सबके बीच सबसे खास था एक ऐसा सेब का पेड़, जिस पर सोने के सेब लगते थे। राजा ने इस पेड़ की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए थे, ताकि कोई भी इन अनमोल सेबों को चुरा न सके। लेकिन एक दिन, सभी सावधानियों के बावजूद, एक सोने का सेब गायब हो गया।

यह घटना राजा के लिए बेहद चौंकाने वाली थी। उसने चोर को पकड़वाने वाले के लिए बड़े इनाम की घोषणा की। सबसे बड़े राजकुमार ने चोर को पकड़ने की जिम्मेदारी ली, लेकिन रात को सो गया और अगली सुबह एक और सेब गायब पाया गया। मंझले राजकुमार ने भी कोशिश की, लेकिन वही नतीजा हुआ। अंत में, सबसे छोटे राजकुमार ने इस चुनौती को स्वीकार किया, हालांकि राजा उसे मूर्ख समझता था।

छोटे राजकुमार ने साहस दिखाया और जागते रहने का संकल्प किया। आधी रात को उसने देखा कि एक अद्वितीय सोने की चिड़िया आई और पेड़ से एक सेब तोड़ लिया। राजकुमार ने तुरंत तीर चलाया, लेकिन चिड़िया बच निकली। हालांकि, उसका एक सुनहरा पंख टूटकर नीचे गिर पड़ा। अगले दिन, राजकुमार ने राजा को सारी कहानी सुनाई और चिड़िया का पंख दिखाया। यह पंख इतना सुंदर था कि राजा ने आदेश दिया कि जो कोई भी इस चिड़िया को पकड़कर लाएगा, उसे एक बड़ा इनाम मिलेगा।

इस अद्वितीय खोज में सबसे बड़े राजकुमार ने पहले कदम उठाए। लेकिन जंगल में एक चतुर लोमड़ी से मिलने पर उसने उसकी सलाह को नज़रअंदाज़ कर दिया। उसकी लापरवाही के कारण वह अपने असली मिशन को भूलकर रंगीन सराय की मस्ती में खो गया। मंझले राजकुमार ने भी वही गलती दोहराई। अंत में, छोटे राजकुमार ने लोमड़ी की बात मानी और उसकी सहायता से सोने की चिड़िया तक पहुंचने का सफर तय किया।

यह कहानी साहस, समझदारी और सही मार्गदर्शन की ताकत को दर्शाती है। छोटे राजकुमार ने अंततः सोने की चिड़िया, सोने का घोड़ा और एक सुंदर राजकुमारी को जीत लिया। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चे साहस और सही निर्णय के साथ, किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।

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