तेजस्वी यादव ने वादा किया, सत्ता में आए तो हटेगा ताड़ी पर प्रतिबंध
पटना। बिहार में शराबबंदी को लेकर जारी राजनीतिक बयानबाजी के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने ताड़ी को लेकर बड़ा बयान दिया है। चिराग ने सोमवार को ताड़ी को प्राकृतिक उत्पाद बताते हुए कहा कि इसे शराब की श्रेणी में नहीं रखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा होने के बावजूद राज्य सरकार में सत्ता का हिस्सा नहीं है।
चिराग पासवान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं कि ताड़ी एक प्राकृतिक पेय है और इसे शराब के समकक्ष नहीं माना जाना चाहिए। राज्य में शराबबंदी के चलते इससे जुड़े समुदाय, विशेषकर पासी समुदाय को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ताड़ी उनके लिए पीढ़ियों से आजीविका का साधन रहा है।
गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी लागू है, और इस मुद्दे को लेकर सियासी हलचल फिर से तेज हो गई है। रविवार को विपक्ष के नेता और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने वादा किया कि अगर उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में सत्ता में आती है तो ताड़ी पर लगा प्रतिबंध हटा दिया जाएगा। तेजस्वी ने पटना में पासी समुदाय के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "शराबबंदी कानून ने सबसे ज्यादा पासी समुदाय को प्रभावित किया है। इनके पास न तो खेती की जमीन है और न ही कोई अन्य स्थायी आजीविका का साधन। ऐसे में ताड़ी निष्कर्षण को बढ़ावा देना जरूरी है।
तेजस्वी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार आने पर ताड़ी को पारंपरिक और प्राकृतिक पेय मानते हुए उस पर से प्रतिबंध हटाया जाएगा, ताकि समुदाय की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
पासी समुदाय पर आर्थिक संकट
बिहार में ताड़ी का व्यवसाय पारंपरिक रूप से पासी समुदाय से जुड़ा रहा है। ताड़ी निष्कर्षण और बिक्री इस समुदाय के लिए मुख्य आय का स्रोत रही है। शराबबंदी लागू होने के बाद ताड़ी भी प्रतिबंधित हो गई, जिससे बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार पर संकट आ गया। चिराग पासवान और तेजस्वी यादव, दोनों ने इस बात पर सहमति जताई कि ताड़ी पर से प्रतिबंध हटाने से न केवल परंपरागत व्यवसाय को पुनर्जीवन मिलेगा, बल्कि समुदाय के सशक्तिकरण में भी मदद मिलेगी।
राजनीतिक मायने भी
ताड़ी को लेकर हो रही बयानबाजी को आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बिहार के राजनीतिक समीकरणों में पासी समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में इस समुदाय को साधने के लिए तमाम दल सक्रिय हो गए हैं। एक ओर जहां तेजस्वी यादव ताड़ी पर से प्रतिबंध हटाने का वादा कर रहे हैं, वहीं चिराग पासवान इसे प्राकृतिक उत्पाद बताकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि बिहार की सियासत में ताड़ी एक सामाजिक-आर्थिक मुद्दा बनकर कितनी दूर तक प्रभाव डालती है।