- सिरसा के रोड़ी से शुरू हुई ‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष की पवित्र यात्रा
- 24 नवंबर को कुरुक्षेत्र में होगा समापन, 25 नवंबर को प्रधानमंत्री होंगे महासमागम में मुख्य अतिथि
कालांवाली (सुरेश जोरासिया)। ‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के मौके पर पवित्र यात्रा का शुभारंभ शनिवार को सिरसा के रोड़ी की पावन भूमि से किया गया। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की मौजूदगी में गुरुद्वारा गुरुसर साहिब पातशाही दसवीं में अरदास का कार्यक्रम हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष अरदास करते हुए प्रदेश की सुख—समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी केवल सिखों अथवा भारत के ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के मानवाधिकारों के प्रथम महानायक हैं। यह यात्रा गुरु जी के तप, त्याग, विचार और धर्म की रक्षा के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान को जन-जन तक पहुंचाने का एक व्यापक महाअभियान है।
उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के उपलक्ष्य में प्रदेश में चार पवित्र यात्राएं निकाली जाएंगी। ये यात्राएं पूरे हरियाणा को कवर करेंगी और 24 नवंबर को कुरुक्षेत्र में इनका समापन होगा। उसी दिन वहां सर्व धर्म सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। अगले दिन 25 नवंबर को श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर कुरुक्षेत्र में महा समागम का आयोजन होगा। इसमें माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी का हरियाणा की पावन धरा से का गहरा संबंध रहा है। 1665 में सिख धर्म के मुख्यालय को धमतान, परगना जींद, बांगर देश (अब हरियाणा) में स्थानांतरित किया था। इस निर्णय का कारण यह था कि इस क्षेत्र को सीधे दक्षिण में लोहगढ़ से जोड़ा गया था। इसी तरह 1665 में, श्री गुरु तेग बहादुर साहिब ने बांगर देस से लोहगढ़ की यात्रा की। वे जींद, कैथल, चीका, कराह, सियाना सईदा और फिर पिहोवा गए, जहां उन्होंने सिख संगत से मुलाकात की। इसके बाद फिर गुरु साहिब जिला कुरुक्षेत्र के गाँव बारना रवाना हुए, जहां मनसद भाई सुधा ने उनका अभिवादन किया। इसी तरह थानेसर, लाडवा, यमुनानगर क्षेत्र में भी उनका जाना हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा वासियों का सौभाग्य है कि यहां श्री गुरु तेग बहादुर जी के पावन चरण कई बार पड़े। उन्होंने यहां अनेक बार अपने प्रवास के दौरान संगत को दिव्य ज्ञान दिया और धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया। जहां-जहां वे पधारे वहां उनकी याद को सदैव बनाए रखने के लिए गुरुघर स्थापित हैं जो सदियों से उनकी शिक्षाओं की ज्योति का प्रकाश फैला रहे हैं। ये 30 से भी अधिक स्थान अब पावन तीर्थ बन गए हैं और साल भर संगतें उन गुरु घरों में जाकर अपने जीवन को संवार रही हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणादायक अवसर
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में युवाओं के लिए कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी वर्ष इसलिए भी अहम है क्योंकि इसके जरिए युवाओं को बताना है कि वर्तमान भारत की नींव अनेक बलिदानों, तप और त्याग से मजबूत बनी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सरकार भारत की आध्यात्मिक यात्रा और विरासत को वैश्विक पहचान दिलाने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। इसी के तहत पिछले 11 वर्षों में सिख विरासत, महापुरुषों, गुरुगद्दियों, ऐतिहासिक स्थलों को जो महत्व मिला है, वह हमारी राष्ट्र नीति का हिस्सा है। श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती से लेकर आज श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहीदी के 350वें स्मृति वर्ष तक भारत गति से आगे बढ़ रहा है।
सरकार द्वारा किये गए कार्यो का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1984 में हुए दंगों में जिन सिख परिवारों ने अपनों को खोया था, सरकार ने हरियाणा के ऐसे 121 परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि दिसंबर, 2022 में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की स्थापना की गई। इससे सिखों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया। इससे हरियाणा में सिख समुदाय को स्वायत्तता मिली है। यमुनानगर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम हिन्द की चादर श्री गुरु तेग बहादुर सिंह के नाम पर रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि असंध के कॉलेज का नाम सरबंसदानी श्री गुरु गोबिन्द सिंह के छोटे बेटे बाबा फतेह सिंह के नाम पर रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनौर साहिब में माता गुजरी के नाम से वी.एल.डी.ए. कॉलेज स्थापित किया गया है। साथ ही 27 अक्तूबर को ही लौहगढ़, यमुनानगर में बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक का शिलान्यास भी किया गया है। उन्होंने कहा कि श्री हजूर साहिब, श्री ननकाना साहिब, श्री हेमकुंड साहिब और श्री पटना साहिब जाने वाले प्रदेश के तीर्थ यात्रियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से ‘स्वर्ण जयंती गुरु दर्शन यात्रा योजना’ शुरू की गई है। कार्यक्रम के दौरान हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार जगदीश सिंह झींडा, कुलदीप सिंह, अंग्रेज सिंह, बिंद्र सिंह, प्रकाश सिंह, अमृतपाल सिंह, गुरमेल सिंह, जगतार सिंह, गौरा सिंह, परमजीत सिंह, सरदार दर्शन सिंह सरपंच, पूर्व सांसद सरदार चरणजीत सिंह रोड़ी, मेजर सिंह, शाहजिंद्र सिंह, बलविंद्र सिंह, मुख्यमंत्री के पूर्व राजनीतिक सलाहकार जगदीश चोपड़ा, जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल, डबवाली बीजेपी जिलाध्यक्ष रेणु शर्मा, सहजेंद्र सिंह, जरनैल सिंह, मेजर सिंह, राजेंद्र सिंह देसुजोधा, बलदेव सिंह मांगेआना, विकास कालुआना, दीदार सिंह, गुरबेअंत सिंह, मुकेश गर्ग, हरविंद्र रोड़ी, सतीश जग्गा भी मौजूद थे।


